Hindi Newsportal

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर पर खड़े किए सवाल, गाजियाबाद केस का जिक्र कर दी चेतावनी भी; जाने पूरा मामला

0 573

केंद्र सरकार द्वारा नए आईटी नियमों को लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी गई है कि, सभी सोशल मीडिया, ओटीटी प्लेटफॉर्म को इन नए नियमों के तहत ही भारत में काम करना होगा। ऐसे में ट्विटर अभी भी नए नियमों को लेकर अपनी ज़िद पर अड़ा हुआ है। इसी क्रम में बुधवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर के इस रवैये पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि, ट्विटर नए नियमों का पालन करने में सफल नहीं रहा। उन्होंने केंद्र द्वारा ट्विटर को दिए गए समय को लेकर टिपण्णी करते हुए कहा कि, ट्विटर कई मौके दिए जाने के बाद भी इन दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल है। उन्होंने कहा कि ट्विटर सुरक्षित है, इस बात को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इस मामले का साधारण तथ्य ये है कि ट्विटर 26 मई से लागू हुए दिशानिर्देशों का पालन करने में असफल रहा है।

एक छोटी सी चिंगारी भी बन सकती है आग का कारण।

प्रसाद ने अपने अगले पोस्ट में कहा कि ‘भारत की संस्कृति बड़े भूगोल की तरह बदलती रहती है। कुछ मामलों में सोशल मीडिया के प्रसार के साथ-साथ एक छोटी सी चिंगारी भी आग का कारण बन सकती है, खासकर नकली समाचारों के मामले में।

‘कानून मानता नहीं, मनमानी करता है ट्विटर।

कानून मंत्री ने आगे कहा कि इंटरमिडियरी गाइडलाइंस लाने के पीछे यही मंशा थी। उन्‍होंने कहा क‍ि ‘हैरानी की बात यह है कि ट्विटर यहां के कानून के तहत यूजर्स की शिकायतें दूर करने का कोई तंत्र तैयार नहीं करता। ऊपर से, वह अपनी मर्जी से मीडिया को ‘मैनिपुलेटेड’ बता देता है।

उत्‍तर प्रदेश के गाजियाबाद में हुई घटना का दिया उदाहरण।

प्रसाद ने कहा कि ‘तथ्‍य यह है कि 26 मई से प्रभाव में आईं इंटरमिडियरी गाइडलाइंस के अनुपालन में ट्विटर नाकाम रहा है। ट्विटर को कई मौके दिए गए मगर उसने न पालन करने का विकल्‍प चुना।’ उन्‍होंने कहा कि ‘यूपी में जो हुआ उसने फेक न्‍यूज से लड़ाई में ट्विटर का मनमाना रवैया दिखा दिया। ट्विटर अपने फैक्‍ट चेकिंग मैकेनिज्‍म को लेकर काफी उत्‍साहित रहा है मगर यूपी जैसे कई मामलों में उसका ऐक्‍शन न लेना हैरान करता है। यह दिखाता है कि फेक न्‍यूज से उसकी लड़ाई में अस्थिरता है।’

ट्विटर को लेकर भारत सरकार का रवैया हुआ और सख्‍त।

केंद्रीय IT मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ट्विटर को खुद को ‘अभिव्‍यक्ति की आजादी के झंडाबरदार’ के रूप में पेश करता है, मगर इंटरमिडियरी गाइडलाइंस का पालन न करने का रास्‍ता चुनता है। उन्‍होंने ट्विटर के इस रुख पर हैरानी ही नहीं बल्कि असंतोष भी जताया है।

यह भी पढ़े: COVID-19 LIVE | देश में कोरोना संक्रमण के 62,224 नए मामले, 2542 की मौत दर्ज, दिल्ली-महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में कम हुए मामले

कुछ इस अंदाज़ में दी चेतावनी।

प्रसाद ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि ‘अगर किसी विदेशी संस्‍था को लगता है कि वह खुद को भारत में अभिव्‍यक्ति की आजादी का ध्‍वजवाहक दिखाकर कानून का पालन करने से खुद को बचा लेगी, तो ऐसी कोशिशें बेकार हैं।’

ट्विटर पर हाल ही में पहला मामला हुआ है दर्ज।

बात दे गाजियाबाद में बुजुर्ग की पिटाई के केस में गलत सूचना देने पर ट्विटर पर केस दर्ज हो गया है और ख़ास बात यह है कि ट्विटर के खिलाफ ऐसा मामला पहली बार केस दर्ज किया गया है। दरअसल ऐसा इसीलिए भी क्युकी सरकार के नए नियमों के तहत ट्विटर का कानूनी संरक्षण खत्म हो गया है और इसीलिए इसके बाद पहली बार उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ये केस गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर कोतवाली में दर्ज किया गया है।

क्या था वीडियो में ?

दरअसल 5 जून को एक समुदाय विशेष के बुजुर्ग को बंधक बना कर धार्मिक नारे लगाने, मारपीट का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले में पुलिस पहले ही आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर चुकी है और इसमें तीन आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।

बता दे आज प्रसाद ने ट्विटर पर सख्त टिपण्णी करने के साथ एक सवाल भी पूछा कि जब भारतीय कंपनियां अमेरिका समेत दूसरे देशों में कारोबार के लिए जाती हैं तो वहां के स्‍थानीय कानूनों का पालन करती हैं। तो फिर ट्विटर जैसे प्‍लेटफॉर्म्‍स भारतीय कानूनों के पालने में इतनी हिचक क्‍यों दिखा रहे हैं?

Click here for Latest News updates and viral videos on our AI-powered smart news

For viral videos and Latest trends subscribe to NewsMobile YouTube Channel and Follow us on Instagram