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काबुल एयरपोर्ट बम धमाकों में 13 यूएस सैनिक समेत 90 से ज्यादा लोगों की मौत, ISIS-K ने ली ज़िम्मेदारी; बिडेन ने कहा – देना होगा इसका हिसाब

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अफगानिस्‍तान में बीते दिन यानी गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए दो धमाकों ने अफ़ग़ानिस्तान के साथ- साथ पूरी दुनिया को दहला दिया है। आत्मघाती हमले के द्वारा हुए इस धमाके में मौतों का आकड़ा रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। दरअसल इस पूरे ब्लास्ट में 13 अमेरिकी सैनिकों और लगभग 90 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 140 से अधिक लोग घायल हैं। देर रात पेंटागन और अफगानिस्‍तान के अधिकारियों के मुताबिक इन घायलों में अमेरिकी सेना के कम से 18 जवान घायल हैं। इधर दूसरी तरफ इस हमले को लेकर अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने इस अटैक की निंदा करते हुए कहा है कि हम उन्‍हें खोज कर मारेंगे। आपको इसकी कीमत चुकानी होगी।

सबसे पहले जानें कैसे हुआ हमला ?

दरअसल अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट के ऐबी गेट के बाहर एक आत्मघाती हमलावर ने इस घटना को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि हमलावर फायरिंग करते हुए आया और उसने खुद को बम से उड़ा लिया। एयरपोर्ट के इस गेट पर ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के सैनिक तैनात रहते हैं। वहीं, दूसरा आत्मघाती हमला एयरपोर्ट के सामने मौजूद बैरन होटल के बाहर हुआ, जो कि ऐबी गेट के ही काफी करीब है। गौरतलब है कि इस हमले से कुछ देर पहले ही आईएस के आतंकियों द्वारा धमाका करने की आशंका जताई गई थी।

आज भी अलर्ट हुआ है जारी।

इधर इन दो आत्मघाती बम धमाकों के बाद अमेरिका ने शुक्रवार को नया अलर्ट जारी किया है। अमेरिका ने आशंका जाहिर की है कि आतंकी कार बम से जल्द ही एक और धमाका कर सकते हैं। अमेरिकन ब्रॉडकास्ट कंपनी के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट के नॉर्थ गेट पर काम बम से ब्लास्ट किया जा सकता है। खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के बाद अमेरिका ने काबुल में अपने सैनिकों व नागरिकों को अलर्ट कर दिया है।

किसने ली इस अटैक की ज़िम्मेदारी।

समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, इस्लामिक स्टेट ने काबुल एयरपोर्ट धमाके की जिम्मेदारी ली। आतंकी संगठन ने अपने टेलीग्राम अकाउंट पर हमले की जिम्मेदारी ली है।

13 अमेरिकी सैनिकों की मौत, कई घायल।

पेंटागन जनरल के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट धमाके में 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई है। यूएस सेंट्रल कमांड के कमांडर फ्रैंक मैकेंजी ने बताया कि हमले में 18 अमेरिकी जवान घायल भी हुए हैं। वहीं, अफगानिस्तान मिनिस्ट्री के एक अधिकारी द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक धमाके में 90 से अधिक की मौत हुई है और करीब 140 लोग घायल हुए हैं।

बाइडन बोले- हम माफ नहीं करेंगे ।

काबुल धमाके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दिया बयान। कहा- हम माफ नहीं करेंगे। हम नहीं भूलेंगे। हम तुम्हें (आतंकी) ढूंढेंगे और इसका हिसाब लेंगे। बाइडन ने कहा कि हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को निकालेंगे। हम अपने साथियों को यहां से निकालेंगे और हमारा मिशन जारी रहेगा।

ब्लिंकेन ने शहीद सैनिकों को किया याद।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अमेरिकी सैनिकों के प्रति संवेदन जताते हुए कहा कि हम उन 2300 सैनिकों को याद करते हैं जो 2001 से अब तक अफगानिस्तान में शहीद हुए हैं। साथ ही 20 हजार से अधिक घायल सैनिकों, अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध में हिस्सा लेने वाले 8 लाख से अधिक सैनिकों व दूसरे युद्धों में शहीद या घायल हुए सैनिकों को भी याद करते हैं।

30 अगस्त की शाम तक झुका रहेगा अमेरिकी ध्वज ।

काबुल में हुए बम धमाके में 12 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई है, वहीं 18 से अधिक घायल हैं। व्हाइट हाउस से मिली जानकारी के अनुसार इन शहीदों के सम्मान में 30 अगस्त की शाम तक अमेरिकी झंडा झुका रहेगा।

ट्र्ंप बोले, धमाके की घटना बेहद दुखद।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने काबुल धमाके पर कहा कि इस तरह की दुखद घटना बिल्कुल नहीं होनी चाहिए थी। बता दें कि ट्रंप के शासनकाल में ही अमेरिका और तालिबान के बीच दोहा में समझौता हुआ था।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने की निंदा।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बम धमाके पर बयान जारी करते हुए इसकी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने कहा- हम काबुल में धमाकों की निंदा करते हैं। हम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना जाहिर करते हैं। ये धमाका बताता है कि हमें आतंकवाद और इसे पोषित करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने की निंदा।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने काबुल हवाई अड्डे पर आतंकवादी हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह घटना अफगानिस्तान में जमीन पर स्थिति की अस्थिरता को रेखांकित करती है। लेकिन हमारे संकल्प को भी मजबूत करती है क्योंकि हम अफगान लोगों के समर्थन में देश में तत्काल सहायता देना जारी रखे हुए हैं।

अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह का बयान भी आया सामने।

काबुल पर हुए दो आत्मघाती धमाकों के एक दिन बाद अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह का बयान आया है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क की जड़ आईएस जैसा आतंकी संगठन ही है। तालिबान भले ही आईएस से गठजोड़ पर का इंकार करता रहे, लेकिन हमारे पास इसके सारे सबूत हैं। तालिबान ठीक वैसे ही आईएसआईएस से संबंध होने का इंकार कर रहा है, जैसे पाकिस्तान क्वेटा शूरा पर करता रहा है।

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