यूं तो उत्तरप्रदेश में गुंडाराज आम बात है मगर कल प्रदेश में कानपूर के गुंडों ने अपनी हदें पार कर दी. दरअसल कानपुर में देर रात हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। वही चार पुलिसकर्मी घायल भी हैं।
घटना कानपुर में चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव की है। यहां पुलिस बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई थी। जहाँ पहले तो बदमाशों ने पुलिस तो दबिश देने से रोकने के लिए जेसीपी का इस्तेमाल किया, जब पुलिस नहीं मानी तो हमलावरों ने पुलिस के पर ऊपर से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने हमला करने वाले दो बदमाशों को मार गिराया है और विकास दूबे की तलाश की जा रही है। आठ पुलिसकर्मी के शहीद होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना में शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए मामले की पूरी रिपोर्ट तलब की है और बदमाशों को तुरंत पकड़ने के आदेश दिए हैं।
जनपद कानपुर में 'कर्तव्य पथ' पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले 08 पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि।
शहीद पुलिसकर्मियों ने जिस अपरिमित साहस व अद्भुत कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया, उ.प्र. उसे कभी भूलेगा नहीं। उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 3, 2020
आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि पुलिस टीम पर हमला करके फरार बदमाशों से दोबारा पुलिस की मुठभेड़ हुई है। घटनास्थल से करीब चार किमी दूर एक जंगल में मुठभेड़ दो बदमाश मारे गए हैं, वहीं दो पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं। उनके कब्जे से हथियार भी बरामद हुए हैं।
घायल हुए बिठूर थानाध्यक्ष कौशलेंद्र प्रताप सिंह, कांस्टेबल अजय सिंह सेंगर, सिपाही अजय कश्यप, शिव मूरत निषाद थाना चौबेपुर, होमगार्ड जयराम पटेल, एसआई सुधाकर पांडे, एसआई विकास बाबू को रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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शहीद पुलिसकर्मी
क्षेत्राधिकारी बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा
थाना प्रभारी शिवराजपुर महेश चंद्र यादव
चौकी इंचार्ज मंधना अनूप कुमार सिंह
सब इंस्पेक्टर नेबू लाल
सिपाही सुल्तान सिंह
सिपाही राहुल
सिपाही बबलू
सिपाही जितेंद्र
राहुल गाँधी ने भी कसा तंज
राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि यूपी में गुंडाराज का एक और प्रमाण। जब पुलिस सुरक्षित नहीं, तो जनता कैसे होगी? मेरी शोक संवेदनाएँ मारे गए वीर शहीदों के परिवारजनों के साथ हैं और मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।
आपको बता दे कि विकास दुबे पर वर्ष 2001 में श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या का आरोप लगा था, जिसमें वह अदालत से बरी हो गया था।