मुंबई: वाशिम जिले में मंगलवार को अपनी भारत जोड़ो यात्रा के तहत आयोजित एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि सावरकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रतीक हैं. कांग्रेस के सहयोगी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्ध ठाकरे ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी – शिवसेना का वह धड़ा, जिसका नेतृत्व उद्धव करते हैं – के मन में सावरकर के लिए ‘बेतहाशा सम्मान’ है.
लोगों से बात करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि, वीर सावरकर ने अंग्रेजों को लिखे एक पत्र में कहा, “सर, मैं आपके सबसे आज्ञाकारी सेवक बने रहने की याचना करता हूं” और उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किए. सावरकर जी ने अंग्रेज़ों की मदद की थी.
वीर सावरकर ने अंग्रेजों को लिखे एक पत्र में कहा, "सर, मैं आपके सबसे आज्ञाकारी सेवक बने रहने की याचना करता हूं" और उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किए। सावरकर जी ने अंग्रेज़ों की मदद की थी: कांग्रेस सांसद #RahulGandhi pic.twitter.com/Vx8fbuGcSr
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) November 17, 2022
उन्होंने आगे कहा, जब सावरकर जी ने इस कागज पर हस्ताक्षर किया तो उसका कारण डर था अगर वो डरते नहीं तो वो कभी हस्ताक्षर नहीं करते. जब उन्होंने हस्ताक्षर किया तब उन्होंने महात्मा गांधी, सरदार पटेल आदि नेताओं को धोखा दिया.
सहयोगी दलों से इस मुद्दे पर मतभेद को लेकर राहुल गांधी ने कहा, “अगर कोई अपनी विचारधारा आगे रखना चाहता है, तो उन्हें ऐसा करना ही चाहिए…”
राहुल गांधी ने कहा, “इस खत पर दस्तखत करने की वजह से सावरकर जी के बारे में मेरे विचार ऐसे हैं…” उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और वल्लभभाई पटेल ने सालों जेल में बिताए, लेकिन “उन्होंने कभी ऐसे खत पर दस्तखत नहीं किए…” राहुल गांधी ने कहा, “ये दो अलग-अलग विचारधाराएं हैं… हमारी पार्टी में चर्चा की अनुमति है… हमारे यहां कोई तानाशाह नहीं है…”