कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मंगलवार को हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में बीजेपी की शानदार जीत के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) सरकार के राजनीतिक विकास पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस के राज्य प्रमुख दिनेश गुंडू राव और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ मुलाकात की.
राज्य में कांग्रेस और जद (एस) की गठबंधन वाली सरकार के गिरने की अटकलों के बीच यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
इसके अलावा, कांग्रेस ने मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और राज्य के प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल को स्थिति का जायजा लेने के लिए बेंगलुरु भी भेजा था.
मुलाकातों का यह सिलसिला कांग्रेस के भीतर असंतोष के स्वरों के उठने के बाद शुरू हुआ, जब कांग्रेस के दो विधायकों रमेश झारखोली और के सुधाकर ने रविवार को भाजपा नेता एस एम कृष्णा से उनके बेंगलुरु आवास पर जाकर मुलाकात की.
इससे पहले 23 मई को बेंगलुरु में कुमारस्वामी की मौजूदगी में कैबिनेट की एक अनौपचारिक बैठक हुई थी. बैठक के बाद, कांग्रेस ने कहा था कि राज्य में जद(एस)-कांग्रेस गठबंधन को कोई खतरा नहीं है.
दक्षिणी राज्य में गठबंधन सरकार के नाजुक होने की अटकले उठती ही रही हैं.
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “आज, माननीय मुख्यमंत्री ने संसदीय और विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए एक अनौपचारिक कैबिनेट बैठक बुलाई थी.”
उन्होंने यह भी कहा कि कुमारस्वामी के नेतृत्व में राज्य में जद(एस)-कांग्रेस गठबंधन जारी रहेगा.
2019 के लोकसभा चुनावों में, बीजेपी ने 28 में से 25 सीटें जीतीं, जिसमेंउसे एक निर्दलीय का समर्थन भी हासिल था, वहीं कांग्रेस और जद (एस) को एक-एक सीट मिली.
राज्य की 225 सदस्यीय विधानसभा में 105 सदस्यों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन की तरफ से 117 सदस्य हैं, जिसमें कांग्रेस से 79 विधायक, जेडी(एस) के 37 और बीएसपी का एक विधायक है.