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कश्मीर: पाबंदी हटाने से सुप्रीम कोर्ट की मनाही, कहा स्थिति संवेदनशील, सरकार को मिलना चाहिए समय

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जम्‍मू एवं कश्‍मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्‍छेद 370 को अप्रभावी बनाने के बाद से ही घाटी में लगायी गयी धारा 144 को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई.

तहसीन पूनावाला द्वारा धारा 144 को हटाने को लेकर दायर की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में हस्‍तक्षेप नहीं करेगा.

कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने इस मामले में पर्याप्‍त समय दिया है और वह अब दो सप्‍ताह बाद ही मामले की सुनवाई करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने बेहद गलत ढंग से याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी को नहीं पता कि कश्मीर क्या हो रहा है. सरकार पर विश्वास करना होगा. यह मामला बेहद संवेदनशील है.

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से पूछा कि ये कब तक चलेगा. इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जैसी ही स्थिति सामान्य होगी, व्यवस्था भी सामान्य हो जाएगी. हम कोशिश कर रहे हैं कि लोगों को कम से कम असुविधा हो. 1999 से हिंसा के कारण 44000 लोग मारे गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या आप स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं ? इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि हम रोज समीक्षा कर रहे हैं. सुधार आ रहा है. उम्मीद है कि कुछ दिनों में हालात सामान्य हो जाएंगे.

तहसीन पूनावाला ने यह याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि 5 अगस्‍त को इस फैसले के ऐलान से ठीक एक दिन पहले जम्‍मू-कश्‍मीर में अघोषित कर्फ्यू लगा दिया गया और कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया.

उन्‍होंने कश्‍मीर से पाबंदी हटाने और नजरबंद नेताओं की रिहाई के लिए आदेश देने का अनुरोध किया था.