वाहनों पर जातिसूचक स्टीकर लगाना आजकल फैशन के साथ आम बात हो गयी है। खासकर, उत्तर प्रदेश में यह चलन तेजी से बढ़ रहा है। सड़क पर चलते हुए आपकी नजरें ऐसी वाहनों से जरूर टकरा जाएंगी जिन पर जातिगत स्टीकर जैसे, क्षत्रीय, ब्राम्हण, यादव या जाट इत्यादि के स्टीकर लगे होंगे। लेकिन वाहनों पर अब ऐसे स्टीकर लगाने वालों को ये कदम महंगा पड़ने वाला है।
दरअसल उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के निर्देशों के बाद इस अभियान की शुरूआत की है, जिसके तहत ऐसे वाहनों को तत्काल प्रभाव से सीज कर दिया जाएगा जिन पर जातिसूचत स्टीकरों का इस्तेमाल किया गया होगा।
यूपी परिवहन विभाग के मुताबिक राज्य में अगर कार, मोटरसाईकिल, बस, ट्रक, ट्रैक्टर और ई रिक्शा पर राजपूत, ब्राह्मण, यादव, जाट, क्षत्रिय समेत तमाम जाति सूचक शब्द दिखते हैं तो वाहन सीज कर दिया जाएगा।
होगी कार्रवाई भी।
परिवहन विभाग के अनुसार वाहनों पर जाति सूचक शब्द पाए जाने पर धारा 177 में चालान या सीज करने की कार्रवाई होगी।
एकाएक क्यों दिया यूपी सरकार ने ये आदेश।
बता दे कि महाराष्ट्र के शिक्षक हर्षल प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा था, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश में दौड़ते जातिवादी वाहनों को समाजिक ताने बाने के लिए खतरा बताया था। जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने ये शिकायत उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी। इसी खत के बाद UP के अपर परिवहन आयुक्त ने जाति लिखे वाहनों के खिलाफ प्रदेश में अभियान चलाने और उन्हें जब्त करने का आदेश दिया और अब ये कार्रवाई की जा रही है।