गुजरात की 45 साल की एक महिला की ज़िन्दगी कुछ इस कदर फ़िल्मी हो गयी है कि किसी को भी महिला की आप बीती सुन कर दया आ जाये। फिलहाल महिला डिप्रेशन में जा चुकी है और राज्य सरकार के सखी वन स्टॉप सेंटर में है।
ये है पुरा मामला।
दरअसल 45 साल की महिला ने पति के कहने पर आईवीएफ तकनीक के जरिए गर्भधारण किया। जिसके बाद उसने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। बाद में उसके ऊपर स्पर्म डोनर से अफेयर होने का आरोप लगा तो वह अपने बेटों को लेकर अलग रहने चली गई। महिला को इसके बाद स्पर्म डोनर से प्यार हो गया जो उससे 10 साल छोटा था। अब उस स्पर्म डोनर ने भी महिला को ठुकरा दिया है और दयनीय बात तो ये है कि उस स्पर्म डोनर ने महिला से बच्चों की कस्टडी भी चीन ली है।
IVF तकनीक से मां बनी महिला
अभ्यम 181 हेल्पलाइन के अधिकारियों के मुताबिक, ‘संगीता ने इसी हफ्ते शेल्टर होम में मदद मांगी थी।’ एक काउंसलर ने बताया, ‘उसने बताया कि उसे वस्त्रल निवासी एक शख्स से प्यार हुआ था और उससे शादी की। चार साल बाद उन्होंने आईवीएफ तकनीक के जरिए गर्भधारण का फैसला किया। इस दौरान दंपती एक शख्स से मिला जो स्पर्म डोनेट के लिए राजी हो गया।’
फिर शुरू हुआ कलह का सिलसिला।
आईवीएफ तकनीक के बाद दंपत्ति को जुड़वा बच्चे हुए। कुछ सालों तक तो सब कुछ सही रहा लेकिन इसके बाद पति को शराब पीने की लत लग गई और उसने संगीता पर अवैध संबंध क आरोप लगाया। संगीता ने साफ किया कि उसका डोनर के साथ कोई संपर्क नहीं है लेकिन इससे दोनों के बीच झगड़े कम नहीं हुए। जिसके बाद महिला अपने बच्चों के साथ अलग रहने के लिए चली गई।
स्पर्म डोनर से हुई गहरी दोस्ती।
अपने पति से लड़ाई के बाद महिला और डोनर की दोस्ती हो गयी और फिर महिला स्पर्म डोनर के साथ रहने लगी। डोनर ने महिला के बच्चों की जिम्मेदारी उठानी भी शुरू कर दी। इसी दौरान महिला दोबारा गर्भवती हो गई लेकिन शादी की बात कही तो डोनर ने मना कर दिया। अब इसके बाद डोनर दोनों बच्चों को लेकर साथ लेकर चला गया और उसने महिला के साथ रहने से भी इंकार कर दिया।
181 से महिला ने मांगी मदद।
काउंसलर के मुताबिक, ‘संगीता के पास अब कमाई का साधन नहीं है और थोड़ी बहुत जो जमा-पूंजी थी, वह भी खत्म हो गई। मकान मालिक से नोटिस मिलने पर उसे घर भी छोड़ना पड़ा। वह गर्भवती है इसलिए उसने अभ्यम 181 से मदद मांगी है।’