असमिया योद्धा लचित बोरफुकन जयंती की 400वें जयंती समाहरोह में शामिल हुए पीएम मोदी
आज यानी शुक्रवार को पीएम मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवनमें आयोजित लचित बरफुकन की 400वीं जयंती समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, राज्यपाल जगदीश मुखी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और अन्य लोगों के साथ पीएम मोदी ने लचित बोरफुकन को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, राज्यपाल जगदीश मुखी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और अन्य ने दिल्ली में लचित बरफुकन की 400वीं जयंती समारोह में भाग लिया और उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। pic.twitter.com/gRRnFxsaWz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2022
प्रधानमंत्री मोदी ने अहोम जनरल लाचित बरफूकन की 400वीं जयंती के अवसर पर उनपर लिखी किताब का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, उन्होंने कहा कि हमें वीर लाचित की 400वीं जन्म जयंती मनाने का सौभाग्य उस कालखंड में मिला है जब देश अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। यह ऐतिहासिक महोत्सव असम के इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय है। मैं इस अवसर पर असम की जनता और समस्त देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
आज देश गुलामी की मानसिकता को छोड़ अपनी विरासत पर गर्व करने के भाव से भरा हुआ है। आज भारत न सिर्फ अपनी सांस्कृतिक विविधता को मना रहा है बल्कि अपनी संस्कृति के ऐतिहासिक नायक-नायिकाओं को गर्व से याद भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब कोई मुश्किल दौर, चुनौती खड़ी हुई तो उसका मुकाबला करने के लिए कोई न कोई विभूति अवतरित हुई। हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान बचाने के लिए संत और मनीषी आए। भारत को तलवार की जोर से कुचलने का मंसूबा पाले, आक्रमणकारियों का मां भारती की कोख से जन्मे वीरों ने सामना किया। लाचित बारफूकन भी ऐसे वीर थे। उन्होंने दिखाया कि कट्टरता और आतंक के हर आग का अंत हो जाता है, लेकिन भारत की जीवन ज्योती अमर बनी रहती है।