जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस नेतृत्व की कमान संभालने के लिए राष्ट्रीय राजधानी जाने की संभावना के बीच राजस्थान में उनके उत्तराधिकारी को लेकर राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है.
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राजस्थान राजनीतिक संकट से जुड़े अहम बिंदू
- कांग्रेस विधायक दल की बैठक शाम सात बजे मुख्यमंत्री निवास में होनी थी. लेकिन बैठक से पहले ही गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायक संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर इकट्ठा होने लगे.
- राज्य विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने रविवार देर रात कहा कि ‘‘हमने इस्तीफे दे दिए हैं और आगे क्या करना है इसका फैसला अब विधानसभा अध्यक्ष करेंगे.
- वहीं गहलोत के वफादार विधायकों की दो शर्तें हैं. पहली की मुख्यमंत्री का उत्तराधिकारी कोई ऐसा होना चाहिए, जिन्होंने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, न कि कोई ऐसा जो इसे गिराने के प्रयास में शामिल था.
- दूसरी यह कि वे तब तक कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं चाहते जब तक कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव न हो जाए. जो कि 19 अक्टूबर को है.
- इस बीच, सूत्रों ने न्यूजवायर एएनआई से पुष्टि की कि मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन सोमवार को दिल्ली आएंगे और शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपेंगे. नाराज विधायक पर्यवेक्षकों से मिलने को तैयार नहीं हैं. हाईकमान से चर्चा के बाद अगला कदम तय किया जाएगा.