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अमेरिकी महिला ने बलात्कारी की जमानत को लेकर भारतीय न्याय व्यवस्था पर उठाये गंभीर सवाल

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में एक अमेरिकी महिला, जो 2013 में दिल्ली में हुए यौन उत्पीड़न मामले की पीड़िता है, ने मामले में करार दोषी को जमानत देने के लिए भारतीय कानूनी प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाये.

वीडियो में, जिसे पीड़िता ने 30 जुलाई को अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया था, पीड़िता ने आरोप लगाया है कि जो व्यक्ति उनके अपार्टमेंट में घुस गया और उन पर हमला किया और उसे दोषी ठहराने के लिए उन्हें लड़ना पड़ा, उसे न्यायालय द्वारा जमानत दे दी गई है.

न्याय पाने के लिए पार की गयी मुश्किलों पर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि मामले में गवाही देने के लिए उन्हें अकेले भारत की यात्रा करनी पड़ी थी, लेकिन अब उस व्यक्ति को ‘भ्रष्ट न्यायाधीश’ द्वारा जमानत दे दी गई है.

महिला ने आगे कहा कि उसे अब उच्च न्यायालय या भारत के सर्वोच्च न्यायालय में अपील के लिए मामला ले जाना होगा। उन्होंने बताया कि वह भारत में उच्च न्यायालयों में अपील करने के लिए नोट किए गए पत्रों को प्राप्त करने के लिए भारतीय वाणिज्य दूतावास भी गयी थीं.

पीड़िता ने ‘भ्रष्ट भारतीय नौकरशाही’ की आलोचना की, क्योंकि वाणिज्य दूतावास ने कथित तौर पर उसे सैक्रामेंटो, कैलिफोर्निया में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास से नोट किए गए कागजात प्राप्त करने के लिए कहा था. वह यह सुनिश्चित करने के लिए लोगों से मदद मांगती रही कि मामले में उसके साथ न्याय किया जाए.

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यह घटना 2013 में घटी जब दिल्ली के पूर्व मेयर जयश्री पंवार के भतीजे राजीव पंवार को उनके फ्लैट में विदेशियों को किराए पर देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

शिकायत के अनुसार, 24 जून, 2013 की रात पंवार ने अमेरिकी महिला, उसके पति और एक रूसी महिला के साथ पार्टी करने के बाद, अमेरिकी महिला के फ्लैट में घुसकर उसके साथ छेड़छाड़ की, जब वह सो रही थी.

पंवार को अमेरिकी महिला के डिजिटल बलात्कार का दोषी माना गया है और फरवरी 2019 में दिल्ली की एक अदालत ने सात साल की कैद की सजा सुनाई थी. अदालत ने माना था कि पीड़ित की गवाही को अस्वीकार्य नहीं कहा जा सकता क्योंकि वह मामले में अपदस्थ करने के लिए इतनी दूर से आयी थी.