अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अफ्रीकी मूल के अमरीकी नागरिक जॉर्ज फ़्लॉयड की हत्या से संबंधित देश के बड़े हिस्से में फैली अशांति को समाप्त करने के लिए वो हज़ारों पुलिसकर्मियों और सैनिकों को तैनात करेंगे.
बीते एक सप्ताह से अमरीका के कई शहरों में हिंसा, आगजनी और लूटमार की घटनाएं हो रहीं हैं. अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में तो प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस के बाहर भी इकट्ठा हो गए. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया।
न्यूयॉर्क, शिकागो, फिलाडेल्फिया और लॉस एंजेलेस में दंगा पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष हुआ. कई शहरों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है, लेकिन लोगों ने इसकी अनदेखी की और सड़कों पर उतर आए. इस कारण तनाव काफ़ी बढ़ गया है.
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इसी बीच देशभर में हो रहे प्रर्दशन के चलते अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों को कोरोनोवायरस संक्रमण की दर में वृद्धि की आशंका हैं. बता दे कि पूरी दुनिया में कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में ही है.
क्या है मामला?
लोगों की नाराज़गी 25 मई के एक वीडियो क्लिप के वायरल होने के बाद सामने आई है जिसमें एक गोरा पुलिस अधिकारी जॉर्ज फ़्लॉयड नाम के एक निहत्थे काले व्यक्ति की गर्दन पर घुटना टेककर उसे दबाता दिखता है. इसके कुछ ही मिनटों बाद 46 साल के जॉर्ज फ़्लॉयड की मौत हो गई.
पुलिस अधिकारी के घुटने के नीचे दबे जॉर्ज बार-बार कह रहे हैं कि “प्लीज़, आई कान्ट ब्रीद (मैं सांस नहीं ले पा रहा)”. अमरीका के कई शहरों में प्रदर्शनकारी ‘आई कॉन्ट ब्रीद’ का बैनर लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.