संसद में हुआ जोरदार हंगामा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और राहुल गांधी के बीच हुई बहस
बजट सत्र के दौरान संसद में जोरदार हंगामा हो रहा है। मंगलवार को भी यहाँ केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर व कांग्रेस सांसद और सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बीच जोरदार घमासान हुआ। दोनों के बीच जाति जनगनणा को लेकर दिलचस्प बहस हुई। जातिगत जनगणना के मसले पर बहस होते-होते निजी टिप्पणियों तक पहुंच गई और हंगामा बरपने लगा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज जातिगत जनगणना का भूत कुछ लोगों को सवार है। उन्होंने जातिगत जनगणना की मांग को लेकर बिना किसी का नाम लिए कहा कि जिसकी जाति का पता नहीं है, वह गणना की बात करता है।
#WATCH भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने कहा, “मैंने कहा था कि जो जाति के बारे में नहीं जानता, वह जनगणना की बात करता है। मैंने किसी का नाम नहीं लिया।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “जो भी आदिवासी, दलित और पिछड़े के मुद्दे उठाता है, उसे गाली दी जाती है। मैं इन गालियों को खुशी-खुशी… pic.twitter.com/Hoqm2BlZfZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 30, 2024
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की इस टिप्पणी पर राहुल गांधी आग बबूला हो गए। उन्होंने कहा, ‘जितना आप लोग मेरा अपमान करना चाहते हैं, करिए। मैं सह लूंगा। लेकिन जातिगत जनगणना हम कराके रहेंगे।’
इस पर अनुराग ठाकुर ने फिर से तंज कसा और कहा कि उसमें आपको अपनी जाति भी लिखनी पड़ेगी। इन्हें तो बीच में बोलने के लिए भी पर्ची आती है। आखिर उधार की बुद्धि से काम कैसे चलेगा। कुछ लोगों पर जातिगत जनगणना का भूत सवार है। सदन में, चर्चा के दौरान अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी से बने पूर्व प्रधानमंत्रियों का जिक्र किया और हर दौर में हुए घोटालों का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं पूछना चाहता हलवा किसे मिला. कुछ लोग ओबीसी की बात करते हैं. इनके लिए ओबीसी का मतलब है, ऑनली फॉर ब्रदर इन लॉ कमीशन. मैंने कहा था, जिसको जाति का पता नहीं, वो गणना की बात करता है. मैंने नाम किसी का नहीं लिया था, लेकिन जवाब देने कौन खड़े हो गए.’
इस पर राहुल गांधीफिर से खड़े हुए। उन्होंने कहा, ‘जो भी इस देश में ओबीसी, दलित और आदिवासी की आवाज उठाता है, उसको गाली खाना ही पड़ता है। मैं ये सब गालियां खुशी से खाऊंगा।’
गौरतलब है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कल सोमवार को लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि 20 अफसरों ने देश का बजट बनाने का काम किया है। लेकिन इसमें शामिल अफसरों में सिर्फ एक अल्पसंख्यक और एक ओबीसी हैं। जबकि इनमें एक भी दलित और आदिवासी नहीं है। यही नहीं राहुल ने बजट से पहले की हलवा सेरेमनी का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि इस सरकार में 2-3 फीसदी लोग ही हलवा तैयार कर रहे हैं और उतने ही लोग इसे खा रहे हैं। जबकि शेष भारत को यह नहीं मिल रहा है।
राहुल गांधी ने सदन में भाषण के दौरान हलवा सेरेमनी का फोटो दिखाते हुए कहा, “यह फोटो दिखाता है कि बजट का हलवा बांटा जा रहा है। लेकिन मैं इसमें किसी भी ओबीसी या आदिवासी या दलित अफसर को देख सकता। 20 अधिकारियों ने मिलकर बजट तैयार किया है। हिंदुस्तान का हलवा 20 लोगों ने बांटने का काम किया है.” जिस समय वह यह भाषण दे रहे थे तब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हाथों से अपनी आंखों को बंदकर मुस्कुरा रही थीं।