नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि रूस की सेना में शामिल होकर युद्ध लड़ रहे 12 भारतीय नागरिक मारे गए हैं, जबकि 16 अन्य लापता हैं। यह जानकारी सरकार द्वारा संसद में दी गई, जिसने सभी को हैरान कर दिया है।
कैसे पहुंचे भारतीय रूसी सेना में?
खबरों के मुताबिक, ये भारतीय रूस की सेना में अनुबंध के आधार पर शामिल हुए थे। युद्ध की शुरुआत के बाद से कई देशों के नागरिकों को रूस ने अपनी सेना में भर्ती किया था। इनमें भारतीय भी शामिल थे, जो बेहतर आर्थिक अवसरों और अन्य कारणों से इस युद्ध का हिस्सा बने।
सरकार का बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार इन घटनाओं को लेकर गंभीर है और लापता भारतीय नागरिकों का पता लगाने के लिए रूस सरकार के साथ संपर्क में है। उन्होंने कहा, “यह एक संवेदनशील मामला है। हम रूस में भारतीय दूतावास और अन्य माध्यमों से इस स्थिति पर निगरानी रख रहे हैं।”
परिवारों की स्थिति
मारे गए और लापता भारतीयों के परिवार गहरे सदमे में हैं। इनमें से कई परिवारों ने सरकार से अपील की है कि उनके प्रियजनों का पता लगाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं।
यूक्रेन युद्ध में भारतीयों की भागीदारी पर सवाल
यह खबर कई सवाल खड़े करती है, जैसे कि भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना में शामिल होने का निर्णय क्यों लिया और क्या यह कानूनी था? यह भी देखा जा रहा है कि क्या उनके भर्ती होने के पीछे किसी तरह की धोखाधड़ी या आर्थिक दबाव था।
विपक्ष का सवाल
इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार को भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए थे और ऐसी स्थिति क्यों बनी, इसकी जांच होनी चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
इस खबर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है। भारत ने अब तक रूस-यूक्रेन युद्ध में तटस्थ रुख अपनाया है, लेकिन भारतीय नागरिकों की भागीदारी ने इस स्थिति को जटिल बना दिया है।