हमारे देश में बच्चों के भविष्य के पीछे जितनी लगन बच्चों की होती है उससे कई ज़्यादा कड़ी मेहनत और लगन होती है उनके माता पिता की। ऐसा ही एक वाक्या सामने आया है मध्यप्रदेश के धार जिले का। दरअसल मध्यप्रदेश में सरकार ने 10 वीं और 12वीं में फेल हुए बच्चों को मध्य प्रदेश सरकार ने ‘रुक जाना नहीं ‘ के तहत पास होने का एक और मौका दिया है. इसकी परीक्षाएं शुरू हो गयी है. कोरोना संकट के इस काल में बस बंद रहने के कारण मध्य प्रदेश के धार जिले के एक गांव का 38 वर्षीय गरीब एवं अनपढ़ व्यक्ति अपने बेटे को 10वीं बोर्ड की पूरक परीक्षा दिलाने के लिए 105 किलोमीटर दूर परीक्षा केन्द्र में साइकिल में बैठाकर ले गया.
7 से 8 घंटे लगातार चलाई साइकिल-
शोभाराम ने बेटे आशीष को साइकिल पर बैठाया और चल दिया परीक्षा केंद्र की ओर जहां परीक्षा होनी थी। शोभाराम ने लगभग 7 से 8 घंटे साइकिल चलाई तब वह कहीं जाकर परीक्षा केंद्र तक पहुंच पाया। सोशल मीडिया पर अब शोभाराम का वीडियो वायरल हो रहा है। बता दे शोभाराम 3 दिन का राशन बांधकर गांव से परीक्षा दिलाने आया है।
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इसीलिए लाये 3 दिन का राशन।
शोभाराम के बेटे आशीष को 3 पेपर देने हैं और वे रोजाना इतनी लंबी दूरी तय नहीं कर सकते. इसलिए वे किसी से 500 रुपये उधार लेकर 3 दिन का राशन खरीदा और रवाना हो गए, ताकि वहीं कहीं आसपास खाना बनाकर भी खा सकें. शोभाराम धार जिले में मनावर तहसील के गांव बयड़ीपुरा के रहने वाले हैं और मजदूरी करके परिवार चलाते हैं.
बेटे को अफसर बनाना चाहते है शोभाराम।
शोभाराम चाहते हैं कि उनका बेटा पढ़-लिख कर एक बड़ा अफसर बने. उन्होंने बताया कि वे सोमवार रात को 12 बजे घर से निकले थे और सुबह करीब 7.45 बजे सेंटर पहुंच गए.