बनारस के घाटों पर 97 दिनों के बाद अब गंगा की लहरों में नौका की आवाजाही फिर से शुरू हो गयी है। कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन ने कभी ना सोने वाले बनारस के घाटों को एकदम सूना कर दिया था। घाटों के साथ ही गंगा नदी में चलाने वाले नाविकों के आगे रोज़गार का संकट खड़ा हो गया था।
इसके बाद जिला प्रशासन ने इसका संज्ञान लिया और मंगलवार (23 जून )से नगर निगम में रजिस्टर्ड नौका को चलाने की अनुमति प्रदान कर दी। मंगलवार की सुबह नौका संचालन का जायज़ा लेने जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा भी गंगा घाट पहुंचे और उन्होंने नौका विहार किया।इस सम्बन्ध में बात करते नाविक सेवा समिति के अध्यक्ष शम्भू सहानी ने बताया कि जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के आदेश के बाद आज से हम सभी का रोज़गार शुरू हो गया है। आज उन्होंने स्वयं यहाँ पहुंचकर नौका विहार किया और घाटों का जायज़ा लिया।
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आपको बता दे की लॉकडाउन की वजह से धर्म नगरी वाराणसी में घाटों पर बैठने वाले नाविक, पुजारी और यहाँ तक की घाटों पर लगी छोटी- छोटी दुकानों की आजीविका पिछले 3 महीने से पूरी तरह से ठप पड़ी हुई थी और अब आने वाले समय में अगले 4 महीने तक भी हालात सुधरने की उम्मीद नहीं लगाई जा रही है क्युकी नाव तो चल पड़ी है मगर मौजूदा हालातों को देखते हुए ना तो घाटों पर वो रौनक है और ना ही श्रद्धालुओं की भीड़, जबकि बनारस के घाट विश्व प्रसिद्ध माने जाते हैं.
इसके साथ ही जो दूसरा संकट आने वाले समय में नाविक और उनके रोज़गार के लिए बड़ी मुसीबत साबित होगा वो है आने वाली बरसात। दरअसल मानसून ने दस्तक दे दी है, ऐसे में अब जैसे ही गंगा का जलस्तर बढ़ेगा तो घाटों पर नावों की आवाजाही को वापस रोक दिया जायेगा। जिससे महीनों बाद मिले उनके रोज़गारों पर फिर मुसीबत आ सकती है।