फैक्ट चेक: हैदराबाद में बीजेपी विधायक टी राजा की गिरफ़्तारी का यह वीडियो हालिया दिनों का नहीं, जानें पूरा सच
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, वीडियो में पुलिस कर्मियों की एक टीम एक नेता को गिरफ्तार करते हुए नजर आ रही है। इसी वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि हैदराबाद में गैरकानूनी तरीके से बनी मस्जिद का विरोध करने पर हैदराबाद पुलिस बीजेपी विधायक टी राजा को गिरफ्तार कर रही है।
फेसबुक के वायरल पोस्ट को शेयर कर हिंदी भाषा के कैप्शन “हैदराबाद – बनाई जा रही गैरकानूनी मस्जिद, विरोध करने पर एकलौते हिन्दू विधायक राजा सिंह पर बर्बरता, निर्दयता से किया गया गिरफ्तार आखिर क्यों है प्रशासन मुस्लिम समुदाय के आगे नतमस्तक ??”
फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ।
फैक्ट चेक:
न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को देखने पर हमें इसके पुराने होने की आशंका हुई। इसलिए सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल की। सबसे पहले हमने वीडियो को कुछ कीफ्रेम्स में तोड़ा और फिर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया।
खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो Hyderabad And Global News Videos नामक फेसबुक पेज पर मिला जिसे मई 05, 2019 को अपलोड किया गया था। यहाँ जानकारी दी गई है कि टी राजा सिंह अंबरपेट में एक मस्जिद के पुनर्निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस मामले को लेकर ही उन्हें हिरासत में लिया गया था।
उपरोक्त मिली जानकारी के अनुसार हैदराबाद पुलिस द्वारा टी राजा को गिरफ्तार करने वाला यह मामला हालिया दिनों का नहीं इसकी पुष्टि के लिए हमने गूगल पर एक बार फिर से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो विधायक Raja Singh के ट्विटर हैंडल पर भी मिला। जिसे मई 05, 2019 को अपलोड किया गया था।
Arrested by @hydcitypolice Police Commissioner while opposing for
Illegal masjid construction on road opposed by hindu vahini & local Hindu karayakartas at Amberpet #Hyderabad pic.twitter.com/w2qbdTm07c— Raja Singh (@TigerRajaSingh) May 5, 2019
पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो की जानकारी ETV भारत की वेबसाइट पर मई 05, 2019 को प्रकाशित लेख में मिली। प्रकाशित लेख के मुताबिक सड़क चौड़ीकरण के लिए ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) ने मस्जिद को तोड़ दिया था। इसके बाद वक्फ बोर्ड ने इसका विरोध किया था। इस मुद्दे को लेकर दो गुट आमने-सामने आ गये थे। इसी दौरान एहतियात के तौर पर राजा सिंह को हिरासत में लिया गया था।
पड़ताल के मुताबिक हमें मिले तथ्यों से हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों की घटना का नहीं बल्कि साल 2019 के दौरान हुई घटना का है, जिसे हालिया दिनों में भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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