मिसाइलमैन के नाम से मशहूर देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की आज 88वीं जयंती है। कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था।
2002 में डॉ कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति बने और एक और सभी के लिए अपने दोस्ताना स्वभाव के लिए प्रसिद्ध ‘पीपुल्स प्रेसिडेंट’ बने। कलाम ने मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक के रूप में चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) व इसरो को भी संभाला और देश में सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे।
पूर्व राष्ट्रपति को 27 जुलाई, 2015 को कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़ा और भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिलांग में व्याख्यान देते हुए उनका निधन हो गया।
PM मोदी ने ट्वीट किया “डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। उन्होंने 21वीं सदी के सक्षम और समर्थ भारत का सपना देखा और इस दिशा में अपना विशिष्ट योगदान दिया। उनका आदर्श जीवन देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।”
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। उन्होंने 21वीं सदी के सक्षम और समर्थ भारत का सपना देखा और इस दिशा में अपना विशिष्ट योगदान दिया। उनका आदर्श जीवन देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।
India salutes Dr. APJ Abdul Kalam Ji on his Jayanti. pic.twitter.com/PPgPrkqQRG
— Narendra Modi (@narendramodi) October 15, 2019
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उनकी जयंती की मौके पर आज केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना, नौसेना और वायु सेना के तीन प्रमुखों के साथ नई दिल्ली में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) भवन में पूर्व राष्ट्रपति डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि दी।
Attended the inaugural session of @DRDO_India Directors Conference in New Delhi today. Urged the DRDO fraternity to imbibe the working ethos of Dr. APJ Abdul Kalam whose tenacity and perseverance led our nation forward on the road to achieve self-reliance in defence systems. pic.twitter.com/G8Mlkfq6ds
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 15, 2019
राजनाथ सिंह, आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत, IAF चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह डीआरडीओ भवन में 41 वें डीआरडीओ निदेशकों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए गए थे।
एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान उन्हें साल 1997 में मिला था। इसके अलावा उन्हें पद्म विभूषण, रामानुजन पुरस्कार, मानद डॉक्टेरेट, डॉक्टर ऑफ साइंस आदि जैसे कई सम्मान मिल चुके थे।