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पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिले भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल, द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने पर हुई चर्चा

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पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिले भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल, द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने पर हुई चर्चा

 

भूटान के तीसरे राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने आज यानी मंगलवार (4 अप्रैल) को पीएम मोदी और भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस दौरान दोनों लीडर्स के बीच आर्थिक सहयोग सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई। बता दें कि वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के न्योते पर भारत के 3 दिन के आधिकारिक दौरे पर है।

 

गौरतलब है राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के न्योते पर वह सोमवार (3 अप्रैल) को वह भारत पहुंचे। उनकी अगवानी एयरपोर्ट पर विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर प्रसाद ने की थी। उन्होंने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी। जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने NSA अजीत डोभाल से भी मुलाक़ात की। उनका यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है।

बता दें कि भूटान नरेश की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब हाल ही में ऐसी खबर आई थी कि भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने कहा था कि डोकलाम विवाद के समाधान में चीन की भी बराबर की भूमिका है।

पीएम थेरिंग ने कहा था- डोकलाम मसले का हल सिर्फ भूटान नहीं निकाल सकता। इस मामले से तीन देश जुड़े हैं। और इस मामले में किसी भी देश को छोटा नहीं माना जा सकता। सब बराबर के हिस्सेदार हैं।

थेरिंग का यह बयान भारत की चिंताएं बढ़ाने वाला है। इसकी वजह यह है कि भारत डोकलाम में चीन के किसी भी दावे को नहीं मानता। उसके मुताबिक यह भारत और भूटान के बीच का मामला है। चीन का इसमें कोई दखल नहीं होना चाहिए। यह हिस्सा भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर में आता है, जिसे स्ट्रैटजिक लोकेशन के हिसाब से सेंसिटिव माना जाता है।

गौरतलब है कि भूटान के राजा जिग्मे खेसर  नाम्गेल वांगचुक दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को भारत पहुंचे। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। भूटान नरेश के भारत दौरे की अहमियत पर विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि इस दौरे से दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे।

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