Hindi Newsportal

न्यूज़मोबाइल विशेष: भारत को चीन से मनोविज्ञानिक युद्ध भी जीतना होगा

File Image
0 721

युद्द नीति हो, कूट नीति हो या राजनीति, यदि एक बार भी  किसी देश या व्यक्ति ने विरोधी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया तो आत्मसमर्पण की मुद्रा कभी समाप्त नहीं होती I आचार्य चाणक्य के यह वचन  यदि आजकल के सन्दर्भ में देखे जाएं तो कहा जा सकता है कि एक बार यदि ब्लैकमेल के सामने घुटने टेके जाएं तो ब्लैकमेल कभी समाप्त नहीं होता I

यह बात भारत-चीन के आधुनिक घटनाक्रम के सन्दर्भ में काफ़ी महत्त्व रखती है I पिछले लगभग पांच दशकों में भारत ने सदा चीन की महत्वाकांक्षाओं को नज़रअंदाज़ किया जिससे  चीन की महत्वकांक्षाएं बढ़ती गयी और वह भारत को एक कमज़ोर राष्ट्र समझता रहा I पिछले पांच दशकों में यह पहली बार हुआ है जब भारत ने केवल चीन ही नहीं अपितु पूरे विश्व को साफ शब्दों में बता दिया कि यह एक नया भारत है और अब यह ब्लैकमेल नहीं चलेगा I

पिछले एक माह में भारत की उत्तरी सीम पर चीन के सन्दर्भ में जो भी घटनाएं घटी, भारत  ने चीन को एक क़डा सन्देश दिया है और कई ऐसे क़दम उठाये हैं जिससे चीन भी बौखला गया है I स्पष्ट शब्दों में यदि कहा जाये तो भारत ने इस माइंडगेम में पहली विजय प्राप्त की है I दूसरी विजय भारत ने चीन को आर्थिक आघात पहुंचा कर की है जब 59 ऐप्स को प्रतिबंधित किया गया I

ये भी पढ़े: अस्पताल के बहार मरीज़ों की भीड़ हैदराबाद की नहीं, जानें पूरा सच

सैन्य शक्ति अंतिम विकल्प है I चीन की बौखलाहट देखते हुए भारत को इस माइंडगेम को और दृढ़ता से अपनाना चाहिए I आधुनिक युद्द में सैन्य शक्ति का प्रयोग और पारंपरिक युद्ध अंतिम विकल्प होता है I किसी भी परिस्थिति में मनोवैज्ञानिक युद्ध काफी महत्व रखता है I भारत को इस मनोवैज्ञानिक युद्ध और माइंडगेम को और सशक्त करना पड़ेगा जिससे चीन को और अधिक हानि पहुंचाई जा सके I

परन्तु यह मनोवैज्ञानिक युद्द तभी पूरी तरह से सफल होगा जब देश का मीडिया और समूचा समाचार तंत्र इसका साथ दे I कोई भी मनोवैज्ञानिक युद्द समाचार तंत्र के सहयोग के बिना सफल नहीं होगा I मनोवैज्ञानिक युद्द को अधिक सशक्त बनाते हुए चीन की अर्थव्यवस्था पर भी चोट पहुंचनी होगी I सैन्य शक्ति का विकल्प सबसे अंतिम विकल्प होना चाहिए I किसी भी परिस्थिति में मनोवैज्ञानिक युद्ध काफी महत्व रखता है I

भारत को इस मनोवैज्ञानिक युद्ध और माइंडगेम को और सशक्त  करना  पड़ेगा जिससे चीन को और अधिक हानि पहुंचाई जा सके I परन्तु यह मनोवैज्ञानिक युद्द तभी पूरी तरह से सफल होगा जब देश का मीडिया और समूचा समाचार तंत्र इसका साथ दे I कोई भी मनोवैज्ञानिक युद्द समाचार तंत्र के सहयोग के बिना सफल नहीं होगा I

मनोवैज्ञानिक युद्द तो अधिक सशक्त बनाते हुए चीन की अर्थव्यवस्था पर भी चोट पहुंचनी होगी I इसके साथ साथ कूटनीतिक और राजनयिक प्रयास जारी रखने पड़ेंगे सैन्य शक्ति का विकल्प सबसे अंतिम विकल्प होना चाहिए I भारत ने इस समय जो चार आयामी नीति अपनायी है जिसमें मनोवैज्ञानिक युद्द, राजनयिक और कूटनीतिक प्रयास, चीन की अर्थव्यवस्था पर चोट और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन, सबसे उत्तम है I इस  चार आयामी नीति  को सशक्त बनाना होगा.

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

Click here for Latest News updates and viral videos on our AI-powered smart news

For viral videos and Latest trends subscribe to NewsMobile YouTube Channel and Follow us on Instagram

You might also like

Leave A Reply

Your email address will not be published.