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दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की तीसरी लिस्ट, अलका लांबा को सीएम आतिशी के खिलाफ बनाया उम्मीदवार

कांग्रेस: फाइल फोटो
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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपनी तीसरी सूची जारी की है, जिसमें महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा को कालकाजी सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। वह आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रमुख नेता और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी।

अलका लांबा का राजनीतिक सफर:

अलका लांबा का राजनीतिक करियर विविधताओं से भरा रहा है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी और चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहीं। बाद में, उन्होंने AAP का दामन थामा, लेकिन 2019 में पार्टी से असंतोष के चलते इस्तीफा देकर पुनः कांग्रेस में शामिल हो गईं। वर्तमान में, वह ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हैं।

कालकाजी सीट का महत्व:

कालकाजी विधानसभा क्षेत्र दिल्ली की प्रमुख सीटों में से एक है। 2015 और 2020 के चुनावों में, यह सीट AAP के कब्जे में रही है। वर्तमान में, मुख्यमंत्री आतिशी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। इस बार अलका लांबा को मैदान में उतारकर कांग्रेस ने इस सीट पर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।

चुनावी मुकाबला:

अलका लांबा और आतिशी के बीच मुकाबला दिल्ली की राजनीति में चर्चा का केंद्र बन गया है। दोनों ही नेता महिला सशक्तिकरण की प्रतीक हैं और अपने-अपने दलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह मुकाबला न केवल कालकाजी सीट के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि दिल्ली की राजनीति में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को भी दर्शाता है।

कांग्रेस की रणनीति:

कांग्रेस पार्टी ने इस बार दिल्ली चुनावों में आक्रामक रणनीति अपनाई है। अलका लांबा को कालकाजी से उतारना और संदीप दीक्षित को नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मैदान में लाना इसी रणनीति का हिस्सा है। पार्टी का उद्देश्य दिल्ली में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाना है, जहां पिछले दो चुनावों में उसे कोई सफलता नहीं मिली थी।

आतिशी की प्रतिक्रिया:

मुख्यमंत्री आतिशी ने अलका लांबा की उम्मीदवारी पर सीधे टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उन्होंने विश्वास जताया है कि दिल्ली की जनता उनके कार्यों और AAP सरकार की नीतियों पर भरोसा जताएगी। उन्होंने कहा, “हमने दिल्ली के विकास के लिए जो कार्य किए हैं, जनता उन्हें देख रही है और हमें पूरा विश्वास है कि वे हमें पुनः सेवा का अवसर देंगे।”

चुनाव की तैयारी:

दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार अभियान तेज कर दिया है। कालकाजी क्षेत्र में रैलियों, जनसभाओं और डोर-टू-डोर कैंपेन के माध्यम से मतदाताओं को लुभाने की कोशिशें जारी हैं। चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि यह मुकाबला बेहद कड़ा होगा और दोनों ही पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है।

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