प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में अयोध्या के विकास को लेकर बनाए गए विजन डॉक्युमेंट पर समीक्षा बैठक हुई है। इस बैठक में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश के उप मुख्यमंत्रियों, कैबिनेट मंत्रियों व अफसरों के साथ प्रधानमंत्री ने यह समीक्षा की है। बता दे इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली से, जबकि अन्य मंत्री और अधिकारी सीएम योगी के आवास से वर्चुअली जुड़े थे। वही इस बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को शामिल नहीं किया गया था।
PM described Ayodhya as city etched in cultural consciousness of every Indian, should manifest finest traditions&best developmental transformations. Human ethos of it must be matched by futuristic infrastructure,beneficial for all: Govt sources from Ayodhya Development plan meet pic.twitter.com/9dRRWq8g0Q
— ANI (@ANI) June 26, 2021
इन सब ने लिया था बैठक में भाग।
पीएम मोदी के अलावा 13 अन्य लोग इस बैठक में शामिल हुए थे। सीएम योगी की बात करे तो वह लखनऊ स्थिति अपने आवास से वर्चुअल माध्यम से जुड़े। वही दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और दिनेश शर्मा, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी, सिंचाई मंत्री महेंद्र सिंह, अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह, चीफ सेक्रेटरी के अलावा प्रमुख सचिव पर्यटन,अपर मुख्य सचिव नगर विकास समेत अन्य विभागों के प्रमुख सचिव भी इस बैठक में वर्चुअल माध्यम से जुड़े।
बैठक में पेश किया गया विज़न डॉक्यूमेंट।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई समीक्षा बैठक में पूरी अयोध्या को लेकर एक विजन डॉक्यूमेंट पेश गया था। इसके तहत इस बात की जानकारी दी गई कि अभी तक अयोध्या के लिए तैयार की गई विकास योजनाओं में से कितने विकास कार्य पूरे किए जा चुके हैं और भविष्य में किस पर काम शुरू किया जाने वाला है।
केंद्र सरकार की कई योजनाएं भी है इस डॉक्यूमेंट में शामिल।
बैठक में बजट के अनुसार योजनाओं को जमीन पर उतारने और भविष्य के लिए उन्हें तैयार रखने की रणनीति पर चर्चा की गई। इसके लिए केवल प्रदेश सरकार ने ही अकेले 14 हजार करोड़ की योजनाओं को तैयार किया है। बता दे इसके अलावा केंद्र सरकार की कई योजनाएं भी इस विजन डॉक्यूमेंट में शामिल हैं। इतना ही नहीं इसके अलावा कई योजनाएं दोनों सरकारों की संयुक्त भागीदारी से जुड़ी हैं।
अयोध्या की पहचान भारत की सांस्कृतिक नगरी के रूप में – पीएम मोदी।
समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि अयोध्या का विकास इस तरह से होना चाहिए कि आने वाली पीढ़ियां जीवन में कम से कम एक बार यहां आने के लिए प्रेरित जरूर हों। उन्होंने कहा कि अयोध्या की पहचान भारत की सांस्कृतिक नगरी के रूप में है इसके इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास भविष्य को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।
At the same time, momentum towards heralding Ayodhya to this next leap of progress but begin now. It is our collective endeavour to celebrate the identity of Ayodhya and keep its cultural vibrancy alive through innovative ways: Govt sources from Ayodhya Development plan meeting
— ANI (@ANI) June 26, 2021
PM said that the way Lord Ram had ability to bring people together, development works of Ayodhya should be guided by spirit of healthy public participation.He called for skills of talented youth to be leveraged in this development: Govt sources from Ayodhya Development plan meet
— ANI (@ANI) June 26, 2021
आधुनिक पर्यटन सिटी के रूप में विकसित होगी आयोध्या।
बता दे रामलला के भव्य मंदिर के साथ 20 हजार करोड़ रुपये से अयोध्या को भी भव्यता देने का खाका यानी रोडमैप तैयार हो गया है। अयोध्या की आध्यात्मिक आभा को चमकाने के साथ-साथ न सिर्फ रामनगरी को आधुनिक पर्यटन सिटी के रूप में विकसित किए जाने की तैयारी है, बल्कि रोजगार व नौकरियों से भी रामनगरी अब जल्द ही लैस होगी।
आचार्य सत्येंद्र दास ने की प्रशंसा।
प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल का स्वागत करते हुए अयोध्या के संत आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी की अच्छी पहल है। जब तक वो और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद नहीं जुड़ेंगे तब तक विकास कार्य जमीन पर नहीं दिखाई देंगे।
Ayodhya: "It's a good thing. Until PM & CM of Uttar Pradesh will not associate with it, the development works will not be seen at ground," says Head priest of the makeshift Ram temple Acharya Satyendra Das on PM Modi to review Ayodhya development plan today via video conference pic.twitter.com/9n2Uks9qsM
— ANI UP (@ANINewsUP) June 26, 2021