राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद संसद में पास हुए कृषि बिल अब कानून बन गए है। जिसके बाद इस बिल के विरोध में प्रदर्शन ने ज़ोर पकड़ लिया है। एक तरफ शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने NDA से नाता तोड़ दिया है तो वही कई प्रदेश के किसान संगठन इस बिल के विरोध में पुरज़ोर विरोध दर्ज करा रहे है।
इसी क्रम में पंजाब में 31 किसान संगठन आज से फिर अनिश्चित काल के लिए रेल ट्रैकों पर बैठ गए हैं। गौरतलब है कि रेलवे ने पहले ही ट्रेनों को रद्द कर रखा है। एक तरफ सूबे के 7 रेलवे ट्रैकों पर किसान सुबह से ही टैंट लगाकर धरने पर बैठ गए हैं तो वहीं इसके अलावा 6 टोल प्लाजा समेत कुल 29 कार्पोरेट कारोबारों पर भी दिन-रात के पक्के धरने लगाए जा रहे हैं।
अकाली दल का रोष मोर्चा शुरू।
वहीं आज से ही अमृतसर में अकाली दल की तरफ से तीन जगह से रोष मार्च निकाला जा रहा है, जिनमें से अमृतसर स्थित अकाल तख्त से सुखबीर बादल की कमान में काफी वााहनों का काफिला चंडीगढ़ के लिए रवाना हो चुका है। यह मार्च अलग-अलग शहरों से होता हुआ चंडीगढ़ पहुंचेगा। यहाँ शिरोमणि अकाली के नेता पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपेंगे।
2 अक्टूबर को कांग्रेस करेगी ‘किसान-मजदूर बचाओ दिवस’ का आयोजन।
बता दे कृषि विधेयकों (अब कानून) के विरोध में कांग्रेस 2 अक्टूबर को ‘किसान-मजदूर बचाओ दिवस’ का आयोजन करेगी। इन प्रदर्शनों में देश भर के हर विधानसभा और जिला मुख्यालयों पर धरने और मार्च होंगे। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी कांग्रेस शासित राज्यों से अपील की है कि वे कानून पारित करके इन अत्याचारी विधानों को दरकिनार करने की संभावनाएं तलाशें ताकि केंद्र द्वारा किसानों पर हो रहे घोर अन्याय को रोका जा सके।
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