17 वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्तव्य की शपथ लेकर की.
शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान जब बारी भोपाल से भाप सांसद साध्वी प्रज्ञा की आयी तो लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ. उन्होंने संस्कृत में शपथ लेना जैसे ही शुरू किया, तभी विपक्ष ने उनके नाम के उच्चारण को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया, जिस कारण उन्हें शपथ के बीच में ही रुकना पड़ा.
BJP winning candidate from Bhopal, Pragya Singh Thakur takes oath as Lok Sabha MP. pic.twitter.com/W2okmWxkjf
— ANI (@ANI) June 17, 2019
हंगामे का यह सिलसिला काफी देर तक चलता रहा, जिसके चलते साध्वी प्रज्ञा को दो बार शपथ के बीच में ही रुकना पड़ा.
दरअसल उन्होंने संस्कृत में शपथ की शुरुआत करते हुए कहा, “मैं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर स्वामी पूर्णचेतनानंद अवधेशानंद गिरी लोकसभा सदस्य के रूप में…”, जिसके तुरंत बाद विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिये. विपक्ष का कहना था कि साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव आयोग को जो शपथपत्र दिया है उसमें उनके गुरु स्वामी अवधेशानंद गिरी का नाम दर्ज नहीं है और नियमों के मुताबिक उनका नाम लेने की अनुमति नहीं है.
हंगामे के बीच, लोकसभा के अधिकारियों ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर से कहा कि वह अपनी शपथ में अपने पिता का नाम शामिल करें.
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प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार ने विपक्ष को सभी रिकॉर्ड चेक किये जाने का भरोसा दिलाया, लेकिन विपक्ष नहीं थमा, जिसके बाद प्रोटेम स्पीकर के हाथो में साध्वी प्रज्ञा के रिकॉर्ड से जुड़ी फाइल और उनकी जीत का प्रमाण पत्र सौंपा गया. इसके बाद ही साध्वी प्रज्ञा तीसरी बार में अपने कर्त्तव्य की शपथ ले सकीं.
बता दें कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भोपाल लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीती हैं, जहां से उन्होंने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को चुनाव में हराया था.