उत्तर प्रदेश के हरदोई में अंतरजातीय संबंधों के चलते एक दलित युवक को कथित रूप से ज़िन्दा जलाकर मार डाला गया. पुलिस के अनुसार, यह संदिग्ध वारदात शनिवार को हरदोई जिले के भदेसा इलाके में हुई.
पुलिस ने लड़की, उसके पिता और मां सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। दावा है कि अभिषेक अपनी प्रेमिका से मिलने घर गया था. जहां घर वालों ने दोनों को एक साथ पकड़ लिया और फिर उसके बाद उसकी पिटाई की और पेट्रोल डालकर आग लगा दी. इस बात की जानकारी जब युवक की मां को मिली तो सदमे में उसकी मां की भी मौत हो गई.
पुलिस अधीक्षक (SP) आलोक प्रियदर्शी ने बताया, “अभिषेक उर्फ मोनू को पीटा गया, एक घर में बंधक बनाकर रखा गया, और फिर जला दिया गया…” उन्होंने बताया कि युवक की चीखें सुनकर घटनास्थल पर पहुंचे स्थानीय लोगों ने उसे एक स्थानीय अस्पताल में पहुंचाया, जहां से उसे लखनऊ के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.
बसप प्रमुख मायावती ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि, “उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में प्रेम-प्रसंग को लेकर जाति के नाम पर एक दलित युवक को जिन्दा जला देना, यह अति-क्रूर व अति निन्दनीय है। सरकार इसके दोषियों को तुरन्त सख्त सजा दिलाये ताकि प्रदेश में आगे ऐसी कोई पुनरावृति ना हो सके, बी.एस.पी. की यह माँग है।”
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में प्रेम-प्रसंग को लेकर जाति के नाम पर एक दलित युवक को जिन्दा जला देना, यह अति-क्रूर व अति निन्दनीय है। सरकार इसके दोषियों को तुरन्त सख्त सजा दिलाये ताकि प्रदेश में आगे ऐसी कोई पुनरावृति ना हो सके, बी.एस.पी. की यह माँग है।
— Mayawati (@Mayawati) September 18, 2019
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कांग्रेस ने दलित युवक को जिंदा जलाने की घटना को लेकर बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा और सवाल किया कि दलितों पर अत्याचार की घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं?
रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ बीजेपी राज में एक और दलित को ज़िंदा जलाया- अमानवीय व शर्मनाक! उत्तर प्रदेश में राजनीतिक मकसद हासिल करने के लिये सामाजिक ताने-बाने पर प्रहार हो रहा है. राजनीतिक रोटियां सेंकने वाली सत्ता पक्ष चुप है. उत्तर प्रदेश में ना महिलायें सुरक्षित, ना दलित और ना पिछड़े.’’
भाजपा राज में एक और दलित को ज़िंदा जलाया- अमानवीय व शर्मनाक!
उत्तर प्रदेश में राजनीतिक मकसद हासिल करने के लिये सामाजिक ताने-बने पर प्रहार हो रहा है।
राजनैतिक रोटियां सेंकने वाली सत्ता पक्ष चुप है।
उत्तर प्रदेश में ना महिलायें सुरक्षित ना दलित और ना पिछड़े! pic.twitter.com/zz9htpXLpM
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 17, 2019