ये तो हम सब जानते है की अंग्रेज़ों ने हमारे देश पर लगभग 2 दशक से ज़्यादा राज किया है। इस दौरान उन्होंने हमारे देश को भी लूटा। सोने की चिड़िया कहा जाने वाला हमारा देश आज भी अपनी कई कीमती वास्तु का हक़दार नहीं है। मगर इन सब के बीच भारत को खुश कर देने वाली खबर सामने आयी है।
तमिलनाडु के एक मंदिर से 40 साल पहले चुराई गई 15वीं शताब्दी की तीन मूर्तियों को ब्रिटिश पुलिस (UK Police) ने मंगलवार को लंदन में भारतीय उच्चायोग को सौंप दिया. संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई. केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल, लंदन स्थित उच्चायोग में तीन प्रतिमाओं को सौंपे जाने के समारोह में डिजिटल माध्यम से शामिल हुए.
Auspicious moment as 3 more priceless statues of Vijayanagara period stolen from Vishnu temple, Nagapatinnam in 1978, recovered by @HCI_London with support of #MetPoliceLondon, restored to Govt of Tamil Nadu in presence of Hble Union Min for Culture&Tourism Shri @prahladspatel. pic.twitter.com/XRmzQIkWG6
— India in the UK (@HCI_London) September 15, 2020
ऐसे पता चला कि 1978 में विजयनगर काल की चुराई मुर्तिया है।
दरअसल इन मूर्तियों की चोरी 1978 में हुई थी, जिसके बाद तमिलनाडु पुलिस ने लंदन की मेट्रोपोलिटन पुलिस के साथ मिलकर जांच शुरू की थी। एक अनाम संग्रहकर्ता ने मूर्तियों को खरीदा था, जिसे मेट्रोपोलिटन पुलिस ने घटना की जानकारी दी। सन 1950 में खींचे गए प्रतिमाओं के चित्रों से मिलान करने के बाद पाया गया कि यह विजयनगर काल की वही मूर्तियां हैं जिन्हें तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले के अनंतमंगलम में स्थित श्री राजगोपालस्वामी मंदिर से चुराया गया था।
@HCI_Londonभारतीयदूतावास द्वारा विजयनगर काल तमिलनाडु की ४०वर्ष पूर्व चोरी गई श्रीराम,लक्ष्मण एवं माता सीता की ३फुट ऊँची कांस्य प्रतिमाओं को भारत को सौंपा,ज्ञात होआजादीके बाद आये कुल५६ मे से प्रधानमंत्री @narendramodi के नेतृत्व के बाद ४३पुराशेष वापिस लाये गये @PMOIndia @JPNadda pic.twitter.com/L2gXYtOJdh
— Prahlad Singh Patel (@prahladspatel) September 15, 2020
पूजा अर्चना के बाद सौंपा गया भारत को।
मारोह में लंदन स्थित श्री मुरुगन मंदिर के पुजारियों ने मूर्तियों की संक्षिप्त पूजा-अर्चना की और इसके बाद उन्हें भारत को सौंप दिया गया। ब्रिटेन में भारत की उच्चायुक्त गायत्री इस्सर कुमार ने कहा, “आज इन सुंदर प्रतिमाओं की खोज पूरी हुई। हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि इन मूर्तियों को भारत भेजने से पहले इनके साथ आदरपूर्वक व्यवहार किया जाए।”