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जवानों की शहादत के बाद चीनी सामान के बहिष्कार ने भारत में पकड़ा ज़ोर

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बीते दिन लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की सेना की ओर से की गई नापाक हरकत से देश की जनता आक्रोश में है। भारत में आज कई जगह पर चीन के खिलाफ प्रदर्शन हुआ तो कही चीनी सामान के बहिष्कार को लेकर। आपको बता दे की कल लद्दाख के गलवन घाटी में चीन और भारत के बीच हुई जदप में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए है।

इस घटना के बाद देश में एक बार फिर चीनी सामान के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ने लगी है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स                (Confederation of All India Traders ) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना की आक्रामकता की निंदा करते हुए चीनी सामनों के बहिष्कार ( Chinese Product Boycott ) का आह्वान किया है। वहीं दूसरी ओर स्वेदशी जागरण मंच ( Swadeshi Jagran Manch ) की ओर से भी चीनी कंपनियों को भारत से बाहर करने और उन्हें टेंडर ना भरने देने की मांग की है।

सीएआईटी ने कहा कि मुख्य बात यह है कि 13 अरब डॉलर या लगभग एक लाख करोड़ रुपये तक की चीनी तैयार वस्तुओं का आयात दिसंबर 2021 से घटा दिया जाए। भारत मौजूदा समय में साल में 5.25 लाख करोड़ रुपये या 70 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का चीन से आयात करता है। सीएआईटी के द्वारा अब चीन में बने प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने और भारतीय में बने सामान के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ‘भारतीय सामान- हमारा अभिमान’ अभियान शुरू कर दिया है। चीन में बने ऐसे 500 से ज्यादा प्रोडक्ट्स की एक लिस्ट कैट ने तैयार की है जिसमे तीन हज़ार से भी ज्यादा वो उत्पाद हैं। जो चीन में बनकर भारत के बाज़ारों में आते हैं।

इनके बहिष्कार करने की पूरी तैयारी कर ली गयी हैं। इस अभियान के तहत कैट अपने अभियान के प्रथम चरण में इन चीनी उत्पादों में वर्ष 2021 दिसम्बर तक चीन से होने वाले आयात में लगभग 1 लाख करोड़ रुपए की कमी लाने का लक्ष्य रखा है। चीन से आयात होने वाले वो प्रोडक्ट्स जो रोजमर्रा में काम हैं उनका आयात रोकने की तैयारी है। इसमें फुटवियर, गारमेंट, खिलौने, फर्निशिंग फैब्रिक, टेक्सटाइल, बिल्डर हार्डवेयर, किचन का सामान, लगेज, हैंड बैग, कॉस्मेटिक्स, गिफ्ट आइटम, दिवाली और होली का सामान, चश्मे, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन अपैरल, खाद्यान्न, घड़ियां ऑटो पार्ट्स, यार्न, फेंगशुई आइटम्स जैसे कई प्रोडक्ट्स है।

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पहले चरण में बहिष्कार के लिए चीन से आयात होने वाले करीब तीन हज़ार ऐसे उत्पादों की ऐसी सूची कैट ने बनाई है जिन वस्तुओं के आयात अब न होने से भी भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्योंकि इन्हे भारत में पहले से ही बनाया जा रहा है। गौरतलब है कि वर्ष 2001 में भारत में चीनी वस्तुओं का आयात केवल 2 अरब डॉलर का था, जो वर्ष 2019 में 70 अरब डॉलर हो गया है। सिर्फ 20 वर्षों में यह आयात लगभग 35 गुना बढ़ गया। वहीं मोदी सरकार के आने के बाद ‘मेक इन इंडिया’ मुहीम शुरू होने के बाद से अब तक चीन से आयात में लगभग 6 अरब डॉलर कम हुआ है।

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