दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्टैंडिंग कमेटी की खाली एक सीट के लिए चुनाव पर सियासी हंगामा जारी है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश के बाद चुनाव आज 1 बजे होने हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी ने चुनाव में शामिल होने से इनकार कर दिया है. दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय ने MCD कमिश्नर को 5 अक्टूबर को स्थायी समिति के छठे सदस्य के लिए चुनाव कराने का निर्देश दिया.
MCD स्टैंडिंग कमेटी सदस्य चुनाव पर दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा, “कल रात को उपराज्यपाल के निर्देश पर कमिश्नर द्वारा एक आदेश जारी किया गया कि ‘आज 1 बजे स्थायी समिति के 6वें सदस्य का चुनाव होगा’… वह आदेश पूरी तरह से अवैध है. DMC एक्ट की धज्जियां उड़ाई गई हैं. उपराज्यपाल के पास किसी भी प्रकार की शक्ति नहीं है कि वे हाउस की मीटिंग में हस्तक्षेप कर पाएं… कल भी भाजपा ने चुनाव प्रक्रिया में खलल डाली… कल मजबूरन मुझे सदन 5 तारीख तक स्थगित करना पड़ा. अगर हम कानून की बात करें तो वैध चुनाव 5 अक्टूबर को ही होंगे… मेयर होने के नाते मेरी जिम्मेदारी बनती है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से हों. भाजपा को समझना होगा कि नगर निगम में इस तरह की तानाशाही नहीं चलेगी. शैली ने भाजपा की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह से चुनाव क्यों कराना चाहते है?”
#WTCH | Delhi | Addressing a press briefing on the election for the standing committee seat in the MCD house, AAP leader Manish Sisodia says, “Yesterday, the Mayor (Shelly Oberoi) kept trying to conduct an election for the seat of standing committee of Nagar Nigam but it could… pic.twitter.com/bsEC5Bb14h
— ANI (@ANI) September 27, 2024
मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा कि, “एलजी का यह आदेश अवैधानिक और असंवैधानिक है, क्योंकि यह डीएमसी एक्ट और दिल्ली नगर निगम (कार्य-प्रक्रिया एवं संचालन) विनियम, 1958 का उल्लंघन है, साथ ही यह निष्पक्ष लोकतांत्रिक प्रक्रिया की कसौटी के भी विपरीत है.” उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम (प्रक्रिया एवं कार्य संचालन) के रेगुलेशन 51 को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वर्तमान चयन स्थायी समिति के सदस्य का चुनाव है, इसलिए चुनाव निगम की बैठक में ही होना चाहिए.
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “MCD के कानून में साफ-साफ लिखा है कि सदन की बैठक बुलाने का अधिकार केवल और केवल मेयर को है, और किसी को नहीं है. उपराज्यपाल या कमिश्नर सदन की बैठक को नहीं बुला सकते और जब सदन होगा तब मेयर उसकी अध्यक्षता करेंगे… कल को तो ये लोग लोकसभा की अध्यक्षता गृह सचिव से करवाएंगे… दूसरा, कानून में लिखा है कि जब भी सदन बुलाया जाएगा उसमें 72 घंटे का समय दिया जाएगा… कुछ न कुछ साजिश की जा रही है… मुझे पता चला है कि मेयर ने कमिश्नर को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने आज के चुनाव को गैर-कानूनी और असंवैधानिक घोषित कर दिया है…”