Hindi Newsportal

पाकिस्तान के झूठ का जवाब सच्चाई से देंगे, विश्व को दिखाए सबूत: विदेश सचिव

9

भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच पाकिस्तान को अब अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर भी समर्थन नहीं मिल रहा है। बीजिंग में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब चीन से पूछा गया कि क्या उसने भारत-पाक संघर्ष में पाकिस्तान की मदद की है, तो चीन के विदेश मंत्रालय ने इससे साफ इनकार कर दिया। प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी जानकारी की पुष्टि नहीं है। चीन के इस रुख से पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।

भारतीय सेना की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई जवाबी कार्रवाई में सिर्फ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया था, न कि पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को। कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पाकिस्तान ने 7-8 मई की दरम्यानी रात भारत के कई क्षेत्रों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, जिन्हें भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने विफल कर दिया।

पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारी गोलाबारी की, जिसमें 15 भारतीय नागरिकों की जान चली गई। इस गोलीबारी में महिलाएं और बच्चे भी शिकार बने। जवाब में भारत ने सीमित लेकिन सटीक सैन्य कार्रवाई करते हुए लाहौर के एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने साफ किया कि भारत की कार्रवाई आतंकियों और उनके ठिकानों के खिलाफ थी। उन्होंने कहा, “हमने सिर्फ वो निशाने चुने जो आतंकवाद से जुड़े थे। पाकिस्तान ने जिस तरह सिख गुरुद्वारे पर हमला किया, वह पूरी तरह निंदनीय है। तीन निर्दोष सिख श्रद्धालु मारे गए — यह न केवल धार्मिक भावनाओं का अपमान है, बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध भी है।”

विदेश सचिव ने पाकिस्तान के रक्षामंत्री और पूर्व विदेश मंत्री के उन बयानों की ओर भी ध्यान दिलाया, जिनमें उन्होंने परोक्ष रूप से आतंकवादियों के साथ रिश्तों को स्वीकार किया है। मिस्री ने कहा, “पाकिस्तान, जो खुद को आतंकवाद का शिकार बताता है, वो असल में आतंकियों का संरक्षक है। ओसामा बिन लादेन का वहां पाया जाना, और उसे ‘शहीद’ बताना इसका स्पष्ट प्रमाण है।”


विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत ने हमेशा संयम बरता है और सिंधु जल संधि जैसे समझौतों का पूरी निष्ठा से पालन किया है। लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा इसे कमजोर करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “हर हिमाकत की ज़िम्मेदारी अब पाकिस्तान की होगी। भारत न तो तनाव चाहता है, न ही युद्ध, लेकिन अगर देश की सुरक्षा पर चोट पहुंचेगी तो जवाब भी उतना ही मजबूत होगा।”


मिस्री ने पाकिस्तान पर करारा तंज कसते हुए कहा, “ये कैसी विडंबना है कि पाकिस्तान में मारे गए आतंकियों को राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा जा रहा है और उन्हें राजकीय सम्मान दिया जा रहा है। उनके अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी भाग ले रहे हैं। पाकिस्तान में शायद यह सामान्य हो, लेकिन भारत और बाकी दुनिया के लिए यह आतंक को सम्मान देना है — जो किसी भी सभ्य राष्ट्र के लिए अस्वीकार्य है।”

You might also like

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.