अमेरिकी सरकार ने हाल ही में एक नई वीजा पॉलिसी अनाउंस की है, जिसके तहत अब उन विदेशी अधिकारियों को वीजा नहीं दिया जाएगा जो अमेरिकी नागरिकों के सोशल मीडिया पोस्ट को सेंसर करने की ट्राई कर रहे हैं. दरअसल इसका मकसद अमेरिकी टेक कंपनियों जैसे एक्स, मेटा और रंबल को इंटरनेशनल लेवल पर मिल रहे सेंसरशिप के दबाव से राहत दिलाना है.
रुबियो ने कहा, “किसी विदेशी सरकार द्वारा अमेरिकी नागरिकों या यहां की कंपनियों के अभिव्यक्ति के अधिकार पर सेंसरशिप लागू करना, चाहे वह सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तारी की धमकी हो या टेक प्लेटफॉर्म से कंटेंट हटाने की मांग, अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”
हिंदी प्रवक्ता अमरीकी विदेश मंत्रालय मार्ग्रेट मक्लॉउड ने कहा, विदेश मंत्री रूबियो ने अमरीकी नागरिकों को सेंसर करने का प्रयास करने वाले विदेशी नागरिकों पर नए वीजा प्रतिबंधों की घोषणा की. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार अमरीकी संविधान में शामिल है. इस अधिकार की रक्षा के लिए वीजा प्रतिबंध नीति की घोषणा की है. यह नीति उन विदेशी नागरिकों पर लागू होगी जो अमेरिका में सुरक्षित अभिव्यक्ति को सेंसर करने में शामिल है.
.@StateDept: विदेश मंत्री रूबियो ने अमरीकी नागरिकों को सेंसर करने का प्रयास करने वाले विदेशी नागरिकों पर नए वीज़ा प्रतिबंधों की घोषणा की। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार अमरीकी संविधान में शामिल है। pic.twitter.com/lF0cJwC9cg
— USA HindiMein (@USAHindiMein) June 5, 2025
उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई विदेशी अधिकारी अमरीका की भूमि पर मौजूद होते हुए अमरीकी नागरिक या निवासी को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए धमकाया की गिरफ्तारी की धमकी दे तो यह अस्वीकार्य है. यह है कि विदेशी अधिकारी. ऐसी ग्लोबल कंटेंट मॉडरेशन पॉलिसी अपनाने की मांग करें कि सेंसरशिप गतिविधियों में शामिल हो जो उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर हैं और जो अमरीका तक प्रभावित होती है यह नई विजिट वीजा प्रतिबंध नीति इमीग्रेशन एंड नेशनल एक्ट नामी कानून के अंतर्गत है जो विदेश मंत्री को यह अधिकार देता है कि वह किसी भी ऐसी विदेशी व्यक्ति को अमेरिका में प्रवेश से रोक है जिसके प्रदेश से देश की विदेश नीति पर गंभीर प्रतिकूल परिणाम हो सकता है.
अमेरिका क्यों लाया ये नई पॉलिसी?
दूसरे देशों की सरकारों द्वारा अमेरिकी प्लेटफॉर्म पर मौजूद कंटेंट को लेकर सख्ती के बाद विदेश मंत्री मार्को रुबियो के नेतृत्व में यह नई पॉलिसी लाई गई है. ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अलेक्जेंड्रे डी मोरेस द्वारा एक्स पर बैन और रंबल के खिलाफ कार्रवाई ऐसे ही कुछ उदाहरण हैं.
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