सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए सात दिन के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने इस दौरान यह भी स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कुछ दस्तावेजों के साथ प्रारंभिक जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने केंद्र को जवाब दाखिल करने की अनुमति दी। न्यायालय ने यह भी कहा कि याचिकाओं की संख्या बहुत अधिक होने के कारण वह केवल पांच याचिकाओं पर ही सुनवाई करेगा। इन पांच याचिकाओं में उठाए गए प्रमुख बिंदुओं पर ही विचार किया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जब तक अदालत का अगला आदेश नहीं आता, वक्फ संपत्तियों की स्थिति यथावत बनी रहेगी और अधिनियम के तहत न तो ‘वक्फ बाय डीड’ और न ही ‘वक्फ बाय यूजर’ को अधिसूचित या समाप्त किया जाएगा। अदालत ने सभी पक्षों से कहा है कि वे आपसी सहमति से प्रमुख पांच आपत्तियों को निर्धारित करें जिन पर सुनवाई की जाएगी।
वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह कानून असंवैधानिक है और इसका विरोध वे संसद से लेकर अदालत तक कर रहे हैं। ओवैसी ने यह भी दावा किया कि संसद में बिल पर बहस के दौरान उन्होंने इसका विरोध करते हुए संशोधनों को अस्वीकार करने की मांग की थी।
#WATCH | On Waqf Act hearing in Supreme Court, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says, “We consider this Act unconstitutional. The Court has said that the Central Waqf Council and the State Waqf Council will not be constituted, and ‘Waqf by user’ cannot be deleted. During the… pic.twitter.com/TMYNfCRvOV
— ANI (@ANI) April 17, 2025
आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अदालत ने धर्म से ऊपर उठकर देश की संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा की है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्देश से यह स्पष्ट हुआ है कि वक्फ की संपत्तियों पर किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं होगा और वक्फ-बाय-यूजर की स्थिति भी बनी रहेगी।
#WATCH | Delhi: On the SC observations after hearing the petitions challenging the Waqf Amendment Act, AAP leader Amanatullah Khan says, “I am thankful to the Supreme Court, judges and advocates who rose above religion and helped us in protecting our country. We are satisfied… pic.twitter.com/h1nqPLMlvy
— ANI (@ANI) April 17, 2025
केंद्र सरकार ने 5 अप्रैल 2025 को वक्फ (संशोधन) अधिनियम को अधिसूचित किया था। यह अधिनियम लोकसभा और राज्यसभा में तीखी बहस के बाद पारित हुआ था। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े, वहीं लोकसभा में इसके पक्ष में 288 और विरोध में 232 सांसदों ने मतदान किया।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को केंद्र के जवाब पर पांच दिन में प्रत्युत्तर दाखिल करने की अनुमति दी है। इसके बाद अदालत इस मामले को अंतरिम आदेश के लिए सूचीबद्ध करेगी। मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
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