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म्यांमार में भूकंप के लगातार झटकों से हालात बिगड़े, भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में भी महसूस हुए प्रभाव

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म्यांमार में पिछले 24 घंटों के भीतर दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे क्षेत्र में भय और चिंता का माहौल है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, सोमवार सुबह 10 बजकर 6 मिनट पर 4.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसकी गहराई जमीन से 103 किलोमीटर थी। इस झटके का असर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में भी महसूस किया गया, जिसमें मणिपुर सबसे अधिक प्रभावित रहा।

इससे एक दिन पहले रविवार को भी म्यांमार में 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसकी गहराई केवल 10 किलोमीटर थी। विशेषज्ञों के अनुसार, इस क्षेत्र में लगातार भूकंप आना इसे आफ्टरशॉक के लिहाज़ से बेहद संवेदनशील बनाता है।

म्यांमार अभी तक 28 मार्च को आए विनाशकारी भूकंप के प्रभाव से उबर नहीं पाया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक इस भूकंप में 3,649 लोगों की मौत हो चुकी है और 5,018 से अधिक लोग घायल हुए हैं। शुक्रवार को म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रवक्ता मेजर जनरल जॉ मिन टुन ने यह जानकारी साझा की।

रविवार को आया भूकंप मंडालय से लगभग 97 किलोमीटर दक्षिण में स्थित वुंडविन टाउनशिप में महसूस किया गया। म्यांमार के मौसम विभाग के अनुसार, इसकी गहराई लगभग 20 किलोमीटर थी, जबकि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इसे 7.7 किलोमीटर बताया। स्थानीय लोगों ने बताया कि झटके इतने तेज़ थे कि लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए और कई घरों की छतें क्षतिग्रस्त हो गईं।

संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि 28 मार्च के भूकंप से म्यांमार में पहले से जारी मानवीय संकट और अधिक गंभीर हो गया है। देश इस समय गृहयुद्ध और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है, जिससे 30 लाख से अधिक लोग पहले ही विस्थापित हो चुके हैं। अब भूकंप के कारण कृषि क्षेत्र पर गंभीर असर पड़ा है और कई स्वास्थ्य सुविधाएं भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे देश में स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति बन गई है।

म्यांमार में लगातार आ रहे भूकंप इस संकटग्रस्त देश की चुनौतियों को और बढ़ा रहे हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता भी गहराती जा रही है।

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