नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन को चिकित्सा आधार पर दी गई अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ा दी है. न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने जैन को दी गई अंतरिम जमानत बढ़ा दी और मामले को 24 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया.
जैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने शीर्ष अदालत को बताया कि तीन अस्पतालों, जीबी पंत, अपोलो और मैक्स ने सर्जरी की सिफारिश की है.
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि जैन को स्वतंत्र मूल्यांकन के लिए एम्स में चिकित्सा जांच कराने के लिए कहा जाए क्योंकि उन्होंने तीन अस्पतालों की रिपोर्ट पर संदेह जताया था.
अदालत ने कहा कि दो मेडिकल रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लाया गया है और एक और को रिकॉर्ड पर लाया जाना है और उसे रिकॉर्ड पर लाने और एएसजी को प्रति प्रस्तुत करने के लिए कहा.
शीर्ष अदालत ने 26 मई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन को मीडिया से बात न करने और बिना अनुमति के दिल्ली में न रहने सहित कई शर्तों के साथ छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी थी. शीर्ष अदालत ने जैन को अपने इलाज के लिए अपनी पसंद का कोई भी अस्पताल चुनने का भी अधिकार दिया था. शीर्ष अदालत ने स्पष्ट कर दिया था कि अंतरिम जमानत पर चिकित्सीय शर्तों पर विचार किया जाता है.
सत्येन्द्र जैन ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया है. उन्होंने अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है.
सत्येन्द्र जैन के वकील ने शीर्ष अदालत को बताया था कि इसके कारण उनका वजन 35 किलो कम हो गया है और वह कंकाल हो गये हैं.