प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ लगभग तीन घंटे की बातचीत में नेतृत्व, कूटनीति और युवाओं अनुशासन पर अपने विचार व्यक्त किए.
1.4 अरब भारतीयों को अपनी ताकत बताया:
बातचीत के दौरान, पीएम मोदी ने भारत के नेता के रूप में अपनी सामूहिक पहचान पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “मेरी ताकत मेरे नाम में नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों और हजारों सालों की कालातीत संस्कृति और विरासत के समर्थन में निहित है. जब भी मैं किसी विश्व नेता से हाथ मिलाता हूं, तो वह मोदी नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीय होते हैं.”
भारत को बुद्ध और गांधी की भूमि बताया:
उन्होंने कहा, “भारत बुद्ध और गांधी की भूमि है. हम संघर्ष नहीं चाहते; हम सद्भाव के लिए हैं।हम शांति निर्माता के तौर पर काम करते है.
उपवास के लिए भी बताए अपने विचार:
मोदी ने बताया कि उपवास पाँच दशकों से भी ज़्यादा समय से उनके जीवन का अभिन्न अंग रहा है, सिर्फ़ धार्मिक अनुष्ठान के तौर पर नहीं बल्कि आंतरिक अनुशासन के साधन के तौर पर.
पीएम मोदी ने बताया, “उपवास सिर्फ़ भोजन छोड़ने के बारे में नहीं है. यह इंद्रियों को तेज़ करता है, सोचने की क्षमता को बढ़ाता है और स्पष्टता लाता है. मैं इसे संतुलन और आत्म-अनुशासन के लिए एक शक्तिशाली साधन के तौर पर देखता हूँ.”
युवाओं को दिया संदेश:
उन्होंनें युवाओं को मायूस ना होने की बात कहते हुए कहा कि चाहे रात कितनी भी अंधेरी क्यों न हो, उजाला तो आना ही है.” इसमें उन्होंनें धैर्य और आत्मविश्वास पर जोर दिया. उन्होंनें कहा कि”जीवन में कोई शॉर्टकट नहीं है. शॉर्टकट आपको नीचे गिरा देगा.” उन्होंनें सफलता के स्तंभों के रूप में धैर्य, दृढ़ता और समर्पण के बारे में बात की.
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