केरल सोना तस्करी (Kerala gold smuggling case) केस में NIA नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी आये दिन नए खुलासे कर रही है। हाल – फिलहाल इस केस में हुए एक नए खुलासे ने सबकों चौका दिया है। दरअसल एनआईए जांच में केरल गोल्ड स्मगलिंग केस में माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम गैंग के शामिल होने के कुछ साबुत NIA को मिले है। अब इस मामले में एजेंसी का कहना है कि सोने की तस्करी से मिलने वाले मुनाफे का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों (Anti-national activities)और आतंकी कृत्यों में होने की संभावना संबंधी खुफिया जानकारी मिली है।
पांचवें आरोपी रमीज ने बताई ये बात।
केरल सोना तस्करी मामले में NIA के कहना है कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए 180 दिन तक सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखा जाना ज़रूरी है। इसी वजह से एजेंसी ने सभी आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध भी किया है. NIA का कहना है कि हिरासत के दौरान मामले के पांचवें आरोपी रमीज ने खुलासा किया है कि उसने तंजानिया में एक हीरा कारोबार शुरू करने का प्रयास किया था और बाद में उसने तंजानिया में एक सोने का खनन लाइसेंस प्राप्त करने का प्रयास किया था।
तंजानिया में ही है दाऊद का हीरा कारोबार।
NIA द्वारा इस मामले में हिरासत में लिए गए आरोपी रमीज ने तंजानिया से सोना लाने और यूएई में समान बेचने के बारे में भी जानकारी भी दी थी। इसके अलावा उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा दाऊद गैंग की अफ्रीका में सक्रियता के बारे में प्रकाशित तथ्यों का भी उल्लेख किया है। ख़बरों के मुताबिक तंजानिया में दाऊद इब्राहिम के हीरे के कारोबार के बारे में भी जानकारी है जो उसके सहयोगी (दोस्त) फिरोज द्वारा चलाया जाता है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक इस संदिग्ध लिंक की जांच की बहुत ज़्यादा ज़रुरत है।
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ख़ास बात ये है कि NIA ने अपनी दलील में UN सिक्योरिटी काउंसिल सैंक्शन्स कमिटी की ओर से दाउद इब्राहिम पर की गई टिप्पणी का ज़िक्र किया है और दाउद गैंग की अफ्रीका में गतिविधियों पर अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेज़री की तरफ से प्रकाशित की गई फैक्ट शीट भी जोड़ी है।
एनआईए ने यह भी कहा कि भारत में आर्थिक एजेंसियों के लिए (CENTRAL ECONOMIC INTELLIGENCE BUREAU) शीर्ष खुफिया निकाय केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (सीईआईबी) ने अक्टूबर 2019 के दौरान केरल में सोने की तस्करी से आय के संभावित उपयोग के बारे में NIA के महानिदेशक को एक रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें अन्य राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का जिक्र था. एजेंसी ने फिलहाल सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को खुफिया रिपोर्ट सौंपी है।