बुधवार को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो NCRB ने ‘एक्सीडेंटल डेथ एंड सुसाइड इन इंडिया’ 2019 का डाटा जारी कर दिया है। NCRB के डाटा में आत्महत्या को लेकर चौकाने वाले आकड़े सामने आये है।
आत्महत्या में भारत।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार साल भर के दौरान देशभर में कुल 1,39,123 लोगों ने आत्महत्या की। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 2019 में करीब 43,000 किसानों और दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की। आंकड़ों के 2019 अनुसार, वर्ष के दौरान 32,563 दिहाड़ी मजदूरों ने अपना जीवन समाप्त कर लिया। कुल मामलों में यह संख्या लगभग 23.4 प्रतिशत रही। वहीं एक साल पहले 2018 में यह संख्या 30,132 थी।
एनसीआरबी आंकड़ों के मुताबिक 2019 में कृषि क्षेत्र से जुड़े 10,281 लोगों (जिसमें 5,957 किसान और 4,324 खेतिहर मजदूर शामिल हैं) ने आत्महत्या की। यह संख्या देश में 2019 के आत्महत्या के कुल 1,39,123 मामलों का 7.4 प्रतिशत है। इससे पहले 2018 में खेती किसानी करने वाले कुल 10,349 लोगों ने आत्महत्या की थी। यह संख्या उस साल के कुल आत्महत्या के मामलों का 7.7 प्रतिशत थी।
आंकड़ों के मुताबिक आत्महत्या करने वाले सबसे ज्यादा किसान महाराष्ट्र से (38.2 प्रतिशत), कर्नाटक (19.4 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (10 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (5.3 प्रतिशत) और छत्तीसगढ़ और तेलंगाना (4.9 प्रतिशत प्रत्येक) से हैं।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार देश में पारिवारिक कलह के कारण सबसे ज्यादा 34.4 प्रतिशत लोगों ने आत्महत्या की है। आत्महत्या की दूसरी बड़ी वजह बीमारी है। वर्ष 2019 में आत्महत्या करने वाले कुल लोगों में से 17.1 प्रतिशत ने बीमारी के कारण आत्महत्या की है।