पुरी में शनिवार को भगवान जगन्नाथ की ‘बहुड़ा यात्रा’ यानी वापसी रथ उत्सव पारंपरिक ‘पहांडी’ रस्म के साथ शुरू हो गया। इस रस्म के तहत भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों को श्री गुंडिचा मंदिर से रथों तक ले जाया गया। सुबह 10:30 बजे से शुरू हुई इस रस्म में चक्रराज सुदर्शन को सबसे पहले बाहर लाया गया, जिसके बाद त्रिदेवों को क्रमशः उनके रथों पर विराजमान कराया गया। बलभद्र को ‘तलध्वज’, सुभद्रा को ‘दर्पदलन’ और भगवान जगन्नाथ को ‘नंदीघोष’ रथ पर बिठाया गया।
भगवान जगन्नाथ की यह बहुड़ा यात्रा 2.6 किलोमीटर की दूरी तय कर उन्हें उनके मुख्य मंदिर तक ले जाएगी। इस मौके पर मंगला आरती और मैलम जैसे पारंपरिक अनुष्ठान भी किए गए। रथ यात्रा शुरू होने से पहले गजपति महाराज दिव्यसिंह देब ने दोपहर 2:30 से 3:30 बजे के बीच ‘छेरा पहनरा’ की रस्म अदा की, जिसके बाद रथों को खींचने की प्रक्रिया शुरू हुई।
गौरतलब है कि इस साल की रथ यात्रा 27 जून को शुरू हुई थी, जबकि 29 जून को गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ की एक दुखद घटना हुई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी और करीब 50 श्रद्धालु घायल हो गए थे। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने बहुड़ा यात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
पुरी में सुरक्षा व्यवस्था के तहत 6,000 पुलिसकर्मियों और 800 सीएपीएफ जवानों की तैनाती की गई है। इसके अलावा, भीड़ और शरारती तत्वों पर नजर रखने के लिए 275 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो एआई तकनीक से लैस हैं। ओडिशा के डीजीपी वाईबी खुरानिया खुद वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौके पर मौजूद हैं और सुरक्षा प्रबंधों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए ट्रैफिक कंट्रोल और सुरक्षा के सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने बहुड़ा यात्रा के इस शुभ अवसर पर जनता को बधाई दी है। लाखों श्रद्धालु इस पावन अवसर पर पुरी पहुंचे हैं और पूरे उल्लास और भक्ति के साथ भगवान जगन्नाथ की वापसी यात्रा का साक्षी बन रहे हैं।
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