केरल के कोझीकोड एयरपोर्ट पर हुए विमान हादसे ने लोगों को दहला दिया है। केरल बीते दिन इडुक्की में भूस्खलन से परेशान था ही कि रात तक कोझीकोड एयरपोर्ट पर हुए हादसे ने सबको झकझोर दिया। इस हादसे में अभी तक 21 लोगों की जान चली गई है ।
इस हादसे के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने हादसे वाली जगह का जायज़ा लिया और साथ ही अंतरिम राहत के रूप में प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये और मामूली चोटों वालों को 50,000 रुपये देने कि घोषणा भी कर दी।
कल शाम हुई विमान दुर्घटना के बाद हालात और राहत उपायों का जायज़ा लेने के लिए कोझिकोड पहुंचा। वरिष्ठ नागरिक उड्डयन अधिकारियों और पेशेवरों के साथ विचार-विमर्श करेंगे: हरदीप सिंह पुरी, नागरिक उड्डयन मंत्री@HardeepSPuri #KozhikodeCrash pic.twitter.com/vlR4jIYI4O
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) August 8, 2020
अंतरिम राहत के रूप में हम प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये और मामूली चोटों वालों को 50,000 रुपये का भुगतान करेंगे: हरदीप सिंह पुरी, नागरिक उड्डयन मंत्री #KozhikodePlaneCrash @HardeepSPuri
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मगर इन सब के बीच जो खबर गौर करने वाली है वो ये कि एयरपोर्ट अथॉरिटी को 9 साल पहले ही इस हादसे की चेतावनी मिल गयी थी।
दरसल सिविल एविएशन मिनिस्टरी की सेफ्टी एडवाइजरी कमेटी के सदस्य मोहन रंगनाथन ने 9 साल पहले ही चेतावनी दी थी कि कोझिकोड एयरपोर्ट लैंडिंग के लिए सुरक्षित नहीं है, खासकर बारिश के मौसम में यहां लैंडिंग और भी खतरनाक है। मोहन रंगनाथन ने कहा कि मंगलौर विमान हादसे के बाद मैंने यह चेतावनी दी थी, जिस पर लापरवाही बरती गयी। कोझिकोड में एयरपोर्ट ऊंचाई पर स्थित है, जहां गहरी खाई है।
रनवे के अंत में बफर जोन भी पर्याप्त नहीं है। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट रनवे पर 240 मीटर का बफर होना चाहिए लेकिन इस एयरपोर्ट पर सिर्फ 90 मीटर का बफर है। साथ ही रनवे के दोनों तरफ भी सिर्फ 75 मीटर की जगह है, जो कि कम से कम 100 मीटर की होनी चाहिए।
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वर्षों पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा गठित एक सुरक्षा सलाहकार समिति के सदस्य कैप्टन मोहन रंगनाथन का कहना है कि बारिश होने के बाद बारिश के बीच टेबलटॉप एयरपोर्ट पर हवाई लैंडिंग की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि जून 17, 2011 को उन्होंने अपनी रिपोर्ट में डीजीसीए, सिविल एविएशन सेफ्टी एडवाइजरी कमेटी और सिविल एविएशन सचिव को एक लेटर में इस बात की जानकारी दी थी।
टेबलटॉप एयरपोर्ट पर रहती है हादसों की ज्यादा आशंका
उड्डयन क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि टेबलटॉप एयरपोर्ट पर हादसों की आशंका ज्यादा रहती है। टेबलटॉप एयरपोर्ट किसी पहाड़ी जगह पर बने होते हैं, जहां हवाई पट्टी का आकार सीमित होता है और जहां पट्टी खत्म होती है उसके आगे खाई होती है। कोझिकोड का करीपुर एयरपोर्ट भी टेबलटॉप एयरपोर्ट ही है।