यूपी के गोरखपुर में पुलिस की पिटाई के बाद प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत के बाद इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। बीते सोमवार मनीष गुप्ता (36) की देर रात पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी। आरोप है कि हालत खराब होने के बाद पुलिस मनीष को लेकर एक निजी अस्पताल गई थी, जहां से उन्हें रेफर कर दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने उन्हें मेडिकल कॉलेज एंबुलेंस से अकेले ही भेज दिया था, जहां डॉक्टरों ने मनीष को मृत घोषित कर दिया। मामला राजनीतिक होने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मृतक के परिजनों से मिलने कानपुर पहुंचे।
गोरखपुर में पुलिस की बर्बर पिटाई में जान गंवाने वाले मृतक व्यापारी मनीष गुप्ता जी के शोकाकुल परिजनों से संवेदना जताने कानपुर में उनके निवास पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी। pic.twitter.com/mFDQUzCcOO
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) September 30, 2021
"हम लोगों को रिपोर्ट लेने से मना कर दिया, इसलिए हम लोगों को बहुत देर लगी , हम लोगों ने कहा डेड बॉडी का सम्मान करो, पुलिस आ जाए लेकिन सारे पुलिस वाले एक तरफ थे।"
मनीष गुप्ता जी के परिजनों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से बयां की अपनी आप बीती। pic.twitter.com/EnG4HTK2x3
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मृतक व्यापारी मनीष गुप्ता जी के परिजनों का दर्द बांटने कानपुर पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी।
सपा की ओर से 20 लाख रुपए की सहायता करने का दिया आस्वासन, सरकार से 2 करोड़ रुपए देने की रखी मांग।
सिटिंग जज की निगरानी में जांच की मांग करते हुए न्याय संघर्ष में साथ देने का दिया वचन।
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योगीराज में पुलिस जान ले रही।
मनीष की पत्नी से मिले के बाद अखिलेश मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए। अखिलेश ने कहा कि योगीराज में पुलिस रक्षा नहीं कर रही है, जांन ले रही है। हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में मामले की जांच होनी चाहिए। परिवार की मदद के लिए सरकार को दो करोड़ रुपये देने चाहिए। समाजवादी पार्टी भी परिवार को 20 लाख रुपये देगी। अखिलेश ने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चहिए।
मायावती ने किया ट्वीट।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि- यूपी सीएम के गृह जनपद गोरखपुर की पुलिस द्वारा तीन व्यापारियों के साथ होटल में बर्बरता व उसमें से एक की मौत के प्रथम दृष्टया दोषी पुलिसवालों को बचाने के लिए मामले को दबाने का प्रयास घोर अनुचित है। घटना की गंभीरता व परिवार की व्यथा को देखते हुए मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
2. आरोपी पुलिसवालों के विरूद्ध पहले हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं करना किन्तु फिर जन आक्रोश के कारण मुकदमा दर्ज होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं करना सरकार की नीति व नीयत दोनों पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। सरकार पीड़िता को न्याय, उचित आर्थिक मदद व सरकारी नौकरी दे, बीएसपी की माँग।
— Mayawati (@Mayawati) September 30, 2021
प्रियंका और अखिलेश यादव ने फोन पर की बात ।
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीड़ित परिजनों से फोन पर बातचीत की। उन्होंने उनको ढांढस बंधाया। प्रियंका गांधी ने फोन पर कहा कि इस मामले के लिए कांग्रेस अच्छा वकील नियुक्त करेगी। प्रियंका गांधी ने ट्विट कर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि गोरखपुर में एक कारोबारी को पुलिस ने इतना पीटा कि उनकी मृत्यु हो गई। घटना से पूरे प्रदेश के आमजनों में भय व्याप्त है। इस सरकार में जंगलराज का ये आलम है कि पुलिस अपराधियों पर नरम रहती है और आमजनों से बर्बर व्यवहार करती है। सरकार को पीड़ित की पत्नी की सारी मांगें पूरी करनी चाहिए।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात आई सामने।
कारोबारी मनीष की मौत सिर पर चोट लगने से हुई। इसके अलावा शरीर पर भी घाव के निशान मिले हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इसकी पुष्टि हुई है। दो डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम किया है। जानकारी के मुताबिक, दिनभर की कवायद के बाद शाम छह बजे पोस्टमार्टम शुरू किया गया। रिपोर्ट में सिर में चोट के अलावा शरीर पर घाव के निशान सामने आए हैं। इससे एक बात तो साफ है कि सिर्फ गिरने भर से ऐसी चोट संभव नहीं है। दूसरे, होटल के कमरे में गिरने से इस तरह की चोट पर भी सवाल उठ रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मुख्यमंत्री से मिलेंगे मनीष के परिजन।
इधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मनीष के परिजनों में पत्नी मीनाक्षी, बेटा अभिराज, पिता नंदकिशोर, भाई सौरव, भांजा दुर्गेश बाजपेई, मित्र दीपक श्रीवास्तव, रंजीत सिंह अधिवक्ता व बहनोई रोहित पुलिस लाइन में मुलाकात करेंगे।