नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे पहलवानों से बुधवार को मुलाकात की.
#WATCH दिल्ली: रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से बातचीत करने भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा धरना स्थल पर पहुंचीं। pic.twitter.com/1j5dpS4zSe
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 3, 2023
पूर्व एथलीट पिछले 11 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं पहलवानों से मिलने राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पहुंचे. उन्हें पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगट और बजरंग पुनिया के साथ बातचीत करते देखा गया.
इससे पहले, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने 27 अप्रैल को कहा था कि पहलवानों को डब्ल्यूएफआई और उसके अध्यक्ष के खिलाफ सड़कों पर उतरने के बजाय आईओए से संपर्क करना चाहिए था, जिस पर पहलवानों ने एथलीटों के यौन उत्पीड़न और कुप्रबंधन का आरोप लगाया था.
उन्होंने कहा, “भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) में यौन उत्पीड़न के लिए एक समिति है, सड़कों पर जाने के बजाय वे (विरोध करने वाले पहलवान) पहले हमारे पास आ सकते थे लेकिन वे IOA में नहीं आए. यह खेलों के लिए अच्छा नहीं है, सिर्फ पहलवानों के लिए ही नहीं, उनमें कुछ अनुशासन भी होना चाहिए.
पहलवानों ने उनकी टिप्पणी पर निराशा व्यक्त की थी.
“एक महिला एथलीट होने के नाते, वह (पीटी उषा) अन्य महिला एथलीटों की बात नहीं सुन रही हैं. हमने बचपन से उनका अनुसरण किया है और उनसे प्रेरित हुए हैं. यहां अनुशासनहीनता कहां है, हम यहां शांति से बैठे हैं.
सीडब्ल्यूजी और विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगट ने भी उषा की टिप्पणियों को “असंवेदनशील” करार दिया.
विनेश ने कहा, “हम संविधान के अनुसार रहते हैं और स्वतंत्र नागरिक हैं. हम कहीं भी जा सकते हैं. अगर हम बाहर सड़कों पर बैठे हैं, तो कोई न कोई कारण होगा, कोई कारण होगा कि हमारी बात किसी ने नहीं सुनी, चाहे वह आईओए हो या खेल मंत्रालय. उनका यह कहना असंवेदनशील है. मैंने उसे फोन भी किया, लेकिन उनने मेरा फोन नहीं उठाया”