प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कनाडा में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ टेलीफोन पर बातचीत की.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार को बताया कि आधे घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी और दृढ़ता से संदेश दिया कि भारत ने पाकिस्तान के साथ मुद्दों पर मध्यस्थता कभी स्वीकार नहीं की है और न ही कभी स्वीकार करेगा.
#WATCH विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “G7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात तय थी। राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी ही अमेरिका लौटना पड़ा, जिसके कारण यह मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के अनुरोध पर आज दोनों नेताओं ने फोन पर बात की।… pic.twitter.com/ItsuF25Hen
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 18, 2025
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “G7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात तय थी. राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी ही अमेरिका लौटना पड़ा, जिसके कारण यह मुलाकात नहीं हो सकी. इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के अनुरोध पर आज दोनों नेताओं ने फोन पर बात की. उन्होंने करीब 35 मिनट तक बात की. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात कर संवेदना जताई थी और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन भी जताया था. उसके बाद यह पहली बार था जब वे बात कर रहे थे. इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर राष्ट्रपति ट्रंप से विस्तार से बात की.”
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से साफ कहा कि इस पूरी घटना के दौरान भारत-अमेरिका व्यापार समझौते और अमेरिका की ओर से भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता को लेकर किसी भी स्तर पर बातचीत नहीं हुई. सैन्य कार्रवाई रोकने के बारे में बातचीत भारत और पाकिस्तान के बीच दोनों सेनाओं के बीच स्थापित मौजूदा चैनलों के तहत सीधे हुई, यह पाकिस्तान के अनुरोध पर हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत ने न कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा…”
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि क्या वे कनाडा से लौटते समय अमेरिका में रुकेंगे. पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा करने में असमर्थता जताई. दोनों नेताओं ने तय किया कि वे निकट भविष्य में मिलने की कोशिश करेंगे…”
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