भारत और आसियान मिलकर बनाएंगे इंडो-पैसिफिक को सुरक्षित और समृद्ध: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत, आसियान देशों के साथ अपने साझेदारी संबंधों को और मजबूत और स्थिर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत और आसियान दोनों का लक्ष्य साझा समृद्धि, समुद्री सुरक्षा, महिलाओं की शांति मिशनों में भागीदारी और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रक्षा सहयोग को बढ़ाना है।
कुआलालंपुर में आयोजित आसियान-भारत रक्षा मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक में बोलते हुए सिंह ने कहा, “आज की अनिश्चित दुनिया में भारत-आसियान साझेदारी स्थिरता का मजबूत स्तंभ बनी रहेगी। दोनों ही क्षेत्रों ने तेजी से आर्थिक विकास किया है, इसलिए हम व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करना चाहते हैं। हम आसियान-भारत व्यापार समझौते की समीक्षा जल्द पूरी होने की उम्मीद करते हैं।”
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत क्षेत्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा, “भारत आपदा राहत, आतंकवाद विरोधी अभियानों और समुद्री सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभाता है और दक्षिण चीन सागर में नेविगेशन की स्वतंत्रता का समर्थन करता है।” उन्होंने कहा कि समुद्री सहयोग, भारत-आसियान संबंधों का प्रमुख हिस्सा है। “इंडो-पैसिफिक के समुद्री मार्ग हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत के आधे से अधिक व्यापार का रास्ता इन्हीं मार्गों से गुजरता है। इसलिए सुरक्षित समुद्री रास्ते हमारी प्राथमिकता हैं,” सिंह ने कहा।
रक्षामंत्री ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून (UNCLOS) के सिद्धांतों पर आधारित समुद्री व्यवस्था का समर्थन करता है और सभी देशों के वैध हितों का सम्मान करने वाले शांतिपूर्ण समाधान की वकालत करता है। राजनाथ सिंह ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के भारत के प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “भारत-आसियान महिला शांति रक्षकों की पहल के दूसरे संस्करण का प्रस्ताव रखा गया है, जिसके तहत महिला सैन्य अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण और नागरिकों की सुरक्षा पर आधारित अभ्यास आयोजित किए जाएंगे।”
इसके अलावा, सिंह ने भारत और आसियान के बीच रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में संस्थागत सहयोग बढ़ाने के लिए एक नया मंच बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, “यह मंच दोनों क्षेत्रों के रक्षा विशेषज्ञों और थिंक टैंकों को साथ लाकर नीति निर्माण और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करेगा।” राजनाथ सिंह ने आसियान देशों को भारत में होने वाले आसियान-भारत समुद्री अभ्यास और अंतरराष्ट्रीय नौसेना समीक्षा 2026 में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि ये अभ्यास नौसैनिक सहयोग, आपसी तालमेल और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेंगे।
अंत में रक्षामंत्री ने मलेशिया सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा, “आसियान और एडीएमएम प्लस की अध्यक्षता करने के लिए मलेशिया का आभार। हम जल्द ही फिर मिलेंगे ताकि इंडो-पैसिफिक में शांति, सुरक्षा और प्रगति के साझा लक्ष्यों को आगे बढ़ा सकें।”





