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फैक्ट चेक: बीजेपी द्वारा वोट के बदले नोट बांटने का यह वीडियो कर्नाटक का नहीं है, जानिए पूरा सच

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फैक्ट चेक: बीजेपी द्वारा वोट के बदले नोट बांटने का यह वीडियो कर्नाटक का नहीं है, जानिए पूरा सच

सोशल मीडिया पर एक महिला का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में महिला अपने हाथ में एक लिफाफा थामे दिख रही है जिसपर एक व्यक्ति और बीजेपी का चुनाव चिन्ह कमल की तस्वीर छपी है। महिला किसी भाषा में कुछ बोलते हुए लिफ़ाफ़े को खोलती है तो उसमें से करीब 2000 के कुछ नोट निकलते हैं। इसी वीडियो को कर्नाटक में होने वाले चुनाव का बताकर दावा किया जा रहा कि बीजेपी वाले लोग वोट के बदले नोट बांट रहे हैं।

फेसबुक पर वायरल वायरल पोस्ट शेयर कर हिंदी भाषा के कैप्शन में लिखा गया है कि “क्या कर्नाटक में भाजपा नोट के बदले वोट पर उतर आयी है ? अब समझ आया 2000 के नोट मार्केट से क्यू गायब हो गए थे! अगर ये वीडियो सच है तो चुनाव आयोग कड़ी कार्यवाही करे।”

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें

 

फैक्ट चेक:

 

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि नौ साल पुराना है।

 

कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी द्वारा वोट के बदले नोट बांटे जाने के नाम पर वायरल हुए इस वीडियो का सच जानने के लिए हमने इसे InVid की मदद से कुछ कीफ्रेम्स में बदला। इसके बाद एक फ्रेम को रिवर्स सर्च किया।

इस दौरान हमें NTV नामक एक यूट्यूब चैनल पर अक्टूबर 28, 2021 में अपलोड हुआ एक वीडियो मिला। इस वीडियो में वायरल क्लिप को देख सकते हैं। वीडियो के मुताबिक तेलंगाना की हुजूराबाद सीट पर हुए चुनाव में बीजेपी ने प्रत्येक वोटर्स को 10 हजार रुपए बांटे। इससे यह साबित होता है कि वायरल वीडियो अभी का नहीं है और इसका कर्नाटक में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से कोई वास्ता भी नहीं है।

पुष्टि के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड की सहायता से और बारीकी से खंगाला। इस दौरान हमें कांग्रेस सांसद Manickam Tagore .B द्वारा किया गया एक पोस्ट मिला। जिसे अक्टूबर 28, 2021 में पोस्ट किया गया था। इस ट्वीट में वायरल वीडियो मौजूद है। ट्वीट में बीजेपी पर निशाना साधते हुए बताया गया है कि बीजेपी वोट के बदले रूपया बाँट रही हैं।

पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमने यह जाना कि वायरल हुआ वीडियो तेलंगाना का है। यह वीडियो इंटरनेट पर करीब 2 साल से मौजूद है। इस वीडियो का कर्नाटक चुनाव से कोई सम्बन्ध नहीं है। वायरल दावा गलत है।