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‘मन की बात’ कार्यक्रम की सेंचुरी, पीएम मोदी ने कार्यक्रम के 100वें एपिसोड को किया संबोधित

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‘मन की बात’ कार्यक्रम की सेंचुरी, पीएम मोदी ने कार्यक्रम के 100वें एपिसोड को किया संबोधित

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी 30 अप्रैल को ‘मन की बात’ मासिक रेडियो कार्यक्रम के 100वें एपिसोड के संबोधित किया। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने तीन अक्टूबर, 2014 को पहली बार ‘मन की बात’ के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया था। इस दौरन देश के अलग-अलग हिस्सों में भाजपा के दिग्गज नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 100वां एपिसोड सुना।

भाजपा ने मन की बात कार्यक्रम के 100वें एपीसोड को सुनने के लिए खास तैयारी की है। यह दिल्ली में 6530 स्थानों पर सुना जाएगा। इसके साथ ही कई नागरिक संगठन, आरडब्ल्यूए व व्यापारी संगठनों ने भी अपने-अपने माध्यम से विभिन्न स्थानों पर मन की बात कार्यक्रम को सुनने के लिए सार्वजनिक व्यवस्था की है।

पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि ‘मन की बात’ कोटि-कोटि भारतियों के मन की बात है। उनकी भावनाओं का प्रकटीकरण है। 3 अक्टूबर 2014 के दिन हमने ‘मन की बात’ की यात्रा शुरू की। मन की बात में देश के कोने-कोने से लोग जुड़े। हर आयु-वर्ग के लोग जुडे़।

उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ जिस विषय से जुड़ा वो जन-आंदोलन बन गया और उसे जन-आंदोलन आप लोगों ने बनाया। जब मैंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ साझा ‘मन की बात’ की थी, उसकी चर्चा पूरे विश्व में हुई थी। ‘मन की बात’ मेरे लिए दूसरों के गुणों की पूजा करने के जैसा ही रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं गुजरात के मुख्यमंत्री था तो वहां सामान्य जन से मिलना-जुलना स्वाभाविक रूप से हो ही जाता था। लेकिन 2014 में दिल्ली आने के बाद मैंने पाया कि यहां का जीवन तो बहुत अलग है। शुरूआती दिनों में कुछ अलग महसूस करता था, खाली-खाली महसूस करता था। ‘मन की बात’ ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया, सामान्य मानवी से जुड़ने का रास्ता दिया।

पीएम मोदी ने जन आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि ‘मन की बात’ की एक और विशेषता रही है। इसके जरिए ना जाने कितने ही जन-आंदोलन ने जन्म भी लिया है और गति भी पकड़ी है जैसे हमारे खिलौने। हमारे खिलौने की इंडस्ट्री को फिर से स्थापित करने का मिशन भी तो मन की बात से ही शुरू हुआ था। हमारे देश के स्वान को लेकर भी जागरूकता बढ़ाने की भी शुरूआत हुई।