ईरान और इजराइल के बीच 12 दिनों से चल रहे तनाव के बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने पहली बार सार्वजनिक रूप से उपस्थिति दर्ज कराई है। ईरानी सरकारी मीडिया के मुताबिक, 86 वर्षीय खामेनेई शनिवार को तेहरान के इमाम खोमैनी मस्जिद में एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए। यह कार्यक्रम इस्लामी कैलेंडर के अनुसार इमाम हुसैन की शहादत की याद में आयोजित किया गया था।
सरकारी समाचार एजेंसी IRNA द्वारा जारी वीडियो में खामेनेई को काले वस्त्रों में मंच पर खड़े देखा गया। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने नारे लगाए और मुट्ठियां हवा में लहराते हुए उनका स्वागत किया। लोग उन्हें देखकर भावुक नजर आए। इससे पहले खामेनेई ने एक रिकॉर्डेड संदेश जारी किया था, लेकिन 13 जून से पहले के बाद से वे सार्वजनिक रूप से नहीं दिखे थे। उनकी पिछली सार्वजनिक उपस्थिति संसद सदस्यों के साथ एक बैठक में हुई थी, जो 13 जून से दो दिन पहले थी। उसी के बाद इजराइल ने ईरान पर अचानक हवाई हमले शुरू किए थे।
इजराइल ने ईरान पर कई हवाई हमले किए, जिनका उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकना बताया गया। हालांकि, ईरान ने हमेशा इस बात से इनकार किया है कि वह परमाणु हथियार बना रहा है। ईरानी न्यायपालिका के अनुसार, इन हमलों में 900 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। इसके जवाब में ईरान ने भी इजराइली शहरों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें कम से कम 28 लोगों की जान गई।
इन हमलों के बाद अमेरिका ने भी हस्तक्षेप किया और ईरान के तीन परमाणु से जुड़ी सुविधाओं पर हवाई हमले किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि इन हमलों ने ईरान की परमाणु क्षमताओं को “पूरी तरह से खत्म” कर दिया है।
यह संघर्ष ईरान और इजराइल के लंबे समय से चले आ रहे तनाव में एक बड़ा और खतरनाक मोड़ साबित हो रहा है। इसके असर सिर्फ इन दो देशों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरे क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर इसके गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो यह संघर्ष और ज्यादा व्यापक रूप ले सकता है।
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