करीब तीन हफ्ते पहले अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 हादसे को लेकर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट इस सप्ताह के अंत तक या अगले सप्ताह की शुरुआत में जारी की जा सकती है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, विमान हादसे की जांच कर रही विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) जल्द ही अपनी पहली रिपोर्ट पेश कर सकती है।
यह रिपोर्ट उन आखिरी पलों का ब्यौरा देगी जब 12 जून को टेकऑफ के तुरंत बाद एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान बी.जे. मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में विमान में सवार सभी 241 लोगों की मौत हो गई थी। एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने बताया कि जमीन पर मौजूद कम से कम 30 लोग भी इस दुर्घटना में मारे गए।
अहमदाबाद सिविल अस्पताल ने अब तक 19 मृतकों की पहचान कर उनके पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंप दिए हैं। शेष की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
रिपोर्ट में क्या हो सकता है शामिल?
हालांकि यह शुरुआती रिपोर्ट दुर्घटना के सही कारण का खुलासा नहीं करेगी, लेकिन इसमें कुछ अहम जानकारियां होने की उम्मीद है, जैसे कि:
टेकऑफ से लेकर दुर्घटना तक की घटनाओं की समय-रेखा
पायलट और सह-पायलट की कॉकपिट बातचीत
टेकऑफ के दौरान पायलट द्वारा किए गए कंट्रोल इनपुट
विमान के सिस्टम की रीडिंग्स
अब तक न तो AAIB और न ही डीजीसीए (DGCA) ने रिपोर्ट को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी किया है। हालांकि, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पहले ही पुष्टि कर दी थी कि दोनों ब्लैक बॉक्स 19 और 26 जून को बरामद कर लिए गए थे। 25 जून को इनमें से एक फ्लाइट रिकॉर्डर का डेटा सफलतापूर्वक डाउनलोड कर लिया गया।
एयर इंडिया ने कहा है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान (VT-ANB) ने सभी जरूरी सेफ्टी चेक पास किए थे। इसका बड़ा मेंटेनेंस जून 2022 में हुआ था और अगला दिसंबर 2025 में होना है। इसके दाहिने इंजन की ओवरहॉलिंग मार्च 2025 में हुई थी, जबकि बाएं इंजन की जांच अप्रैल में हुई थी। विमान को कैप्टन सबरवाल उड़ा रहे थे, जिनके पास 10,000 घंटे से ज्यादा का उड़ान अनुभव था।
इस दुर्घटना के बाद भारत के उड्डयन नियामक ने सभी बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की विशेष जांच के आदेश दिए। एयर इंडिया ने भी अपनी उड़ानों में कुछ बदलाव किए और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को अस्थायी रूप से कम कर दिया ताकि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो।
दुनिया भर के एविएशन एक्सपर्ट्स और एजेंसियां इस जांच पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। ब्लैक बॉक्स से मिली जानकारी यह तय करेगी कि हादसे की वजह तकनीकी खामी थी या कोई और कारण। यदि इसमें किसी डिजाइन या मैकेनिकल फॉल्ट का संकेत मिलता है, तो इसके असर केवल भारत तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि दुनियाभर में ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानों पर असर पड़ सकता है।
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