सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर 1 सितंबर से 6 सितंबर तक होने वाली जेईई मेन और 13 सितंबर को आयोजित होने वाली नीट परीक्षा को हरी झंडी दे दी है. अब देशभर में जेईई मेन और नीट परीक्षाएं अपने तय शेड्यूल पर ही आयोजित की जाएंगी. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने छह राज्यों के छह कैबिनेट मंत्रियों की पुनर्विचार याचिका को आज खारिज कर दिया है.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त को जेईई मेन और 13 सितंबर को आयोजित होने वाली नीट परीक्षा को लेकर आदेश जारी कर दिया था। इसी आदेश के खिलाफ परीक्षाओं को लेकर पुनर्विचार के लिए याचिका दाखिल की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया है.
तीन जजों की बेंच ने किया विचार।
इस पुनर्विचार याचिका पर चेंबर में तीन जजों की बेंच ने विचार किया. जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने विचार करने के बाद छह राज्यों के छह कैबिनेट मंत्रियों द्वारा जेईई मेन और नीट परीक्षाओं पर पुनर्विचार करने की याचिका को खारिज करने का फैसला सुनाया.
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ये है पूरा मामला।
वकील सुनील फर्नांडिस के माध्यम से जेईई मेन और नीट की परीक्षाओ को लेकर एक याचिका दायर की गयी थी। याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट का 17 अगस्त का आदेश NEET और JEE परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों / उम्मीदवारों की सुरक्षा और उनके जीवन के अधिकार को सुरक्षित करने में असफल है।
कौन कौन थे याचिकाकर्ता ?
याचिकाकर्ताओं में मोलोय घटक (मंत्री-प्रभारी, श्रम और ईएसआई (एमबी) योजना और कानून और न्यायिक विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार), डॉ. रामेश्वर उरांव (कैबिनेट मंत्री, झारखंड सरकार), डॉ. रघु शर्मा (कैबिनेट मंत्री स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, राजस्थान सरकार), अमरजीत भगत (खाद्य, नागरिक आपूर्ति, संस्कृति, योजना, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी, छत्तीसगढ़ सरकार), बलबीर सिंह सिद्धू (कैबिनेट मंत्री स्वास्थ्य और परिवार कल्याण), और उदय रवींद्र सामंत (उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री, महाराष्ट्र सरकार) शामिल थे।