नई दिल्ली: दो टावरों के अवैध निर्माण के खिलाफ नौ साल की लंबी लड़ाई रविवार, 28 अगस्त को 9 सेकंड में समाप्त हो गई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ‘सुपरटेक ट्विन टावर्स’ – देश की अब तक की सबसे ऊंची इमारत को गिरा दिया गया.
उत्तर प्रदेश के नोएडा (दिल्ली के पास) में लगभग 100 मीटर ऊंचे ढांचे को 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों की मदद से गिराया गया.
100 मीटर ऊंची एपेक्स और सेयेन के गिरने के बाद मलबा नीचे जमा हो गया है जिसे सिर्फ तीन महीनों के अंदर यहां से हटा लिया जाएगा. बता दें कि मुंबई स्थित एडिफिस इंजीनियरिंग ने इन टावरों को गिराने का काम किया है. इसने एपेक्स (32 मंजिल) और सेयेन (29 मंजिल) इमारतों को ध्वस्त करने के लिए वाटरफॉल इंप्लोशन मेथड का इस्तेमाल किया.
परियोजना अधिकारी द्वारा तैयार किए गए अनुमानों के मुताबिक टॉवरों को ध्वस्त करने के बाद लगभग 35,000 क्यूबिक मीटर मलबा जमा हो गया है. इसे हटा लिया जाएगा और आसपास से धूल के बादल भी छंट जाएंगे.
नोएडा प्राधिकरण के जनरल मैनेजर (प्लानिंग) इश्तियाक अहमद ने कहा है कि 21,000 क्यूबिक मीटर मलबे को बाहर निकाला जाएगा और इसे शहर के अंदर ही सात अलग-अलग जगहों पर डंप कर दिया जाएगा. करीब पांच से छह हेक्टेयर की भूमि पर मलबे को डंप किया जाएगा. बाकी बचे मलबे को ट्विन टावरों के बेसमेंट क्षेत्रों में समायोजित किया जाएगा जहां एक गड्ढा बनाया गया है.