अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मुसलमानों को दी गई 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद का निर्माण औपचारिक रूप से 26 जनवरी से शुरू होगा, जिसमें जनकल्याणकारी सुविधाओं का निर्माण भी शामिल है.
इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) ट्रस्ट ने कहा कि वह परियोजना की शुरुआत करने के लिए 26 जनवरी को सुबह 8:30 बजे एक समारोह की योजना बना रहा है।
राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद रखी जायेगी नींव
रविवार को IICF की वर्चुअल बैठक में 26 जनवरी की तारीख पर सभी सदस्यों की सहमति से मुहर लगाई गई. 26 जनवरी को ध्वजारोहण के बाद सदस्य ट्रस्टी और फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी मस्जिद की नींव रखेंगे. उसके बाद पौधारोपण का काम किया जाएगा. इस मौके पर ट्रस्ट के सभी 9 सदस्य भी मौजूद रहेंगे.
पिछले महीने, IICF ने मस्जिद के डिजाइन का अनावरण किया था, जिसमें एक बड़े पैमाने पर कांच के गुंबद को शामिल किया गया है। डिजाइन में मस्जिद के पीछे एक अस्पताल भवन भी है।
Today at the Press Conference of Trust members and Architect Prof S M Akhtar, the design of the Mosque and Hospital was unveiled. @athardesi @FaruqiZufar #ayodhyamosque pic.twitter.com/Iy4vn6SLVI
— INDO-ISLAMIC CULTURAL FOUNDATION (@IndoIslamicCF) December 19, 2020
प्रोजेक्ट में क्या क्या होगा?
धन्नीपुर मस्जिद परिसर में 2 बिल्डिंग होगी. एक मस्जिद के लिए और दूसरी हॉस्पिटल, लाइब्रेरी, म्यूजियम व कम्युनिटी किचेन के लिए. कुल 5 एकड़ ज़मीन में से 3500 स्क्वायर मीटर ज़मीन पर मस्जिद की बिल्डिंग बनेगी और 24150 स्क्वायर मीटर की दूसरी बिल्डिंग में हॉस्पिटल.
हॉस्पिटल बिल्डिंग में 9000 स्क्वायर मीटर का बेसमेंट भी बनेगा. चीफ आर्किटेक्ट डॉक्टर एसएम अख्तर ने बताया की मस्जिद 2 मंज़िल होगी जिसमे 2000 लोगों के एक साथ नमाज़ पढ़ने की कैपेसिटी होगी.
परिसर में सोलर एनर्जी का इस्तेमाल होगा. सचिव अतहर हुसैन में बताया कि 4 मंजिल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल 200 बेड का होगा जिसकी अनुमानित लागत लगभग 100 करोड़ है. वहीं म्यूजियम ऐसा होगा जो हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करे.