विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान द्वारा किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन के कारण पुंछ में 13 नागरिकों की जान चली गई, जबकि कुल 59 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 44 जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के हैं.
विदेश मंत्रालय के विदेश प्रचार और लोक कूटनीति प्रभाग ने यह जानकारी दी. एलओसी पर पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई भीषण गोलाबारी 7 मई को किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में की गई, जिसमें भारत के सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कुल नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था.
पाकिस्तान 25-26 अप्रैल की रात से ही बिना उकसावे के छोटे हथियारों से संघर्ष विराम का सहारा ले रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में नागरिक इलाकों को निशाना बनाकर संघर्ष विराम उल्लंघन का सिलसिला जारी रखा. अधिकारियों ने बताया कि गोलाबारी से ग्रामीणों में दहशत फैल गई और कई घरों को नुकसान पहुंचा. पाकिस्तान की गोलाबारी से नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा, खिड़कियों के शीशे टूट गए और दीवारों में दरारें आ गईं.
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जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सीमावर्ती गांवों के निवासी गुरुवार सुबह अपने घरों को लौट आए, क्योंकि पाकिस्तान की ओर से की गई भीषण गोलाबारी के मद्देनजर वे दहशत में अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए थे. आज लौटे ग्रामीणों के अनुसार, गोलाबारी से आवासीय संपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है, लोग अपने पूरे परिवार और मवेशियों के साथ इलाकों से भाग रहे हैं.
राजौरी के सीमावर्ती गांव के निवासी शैलेश कुमार ने बताया, “हम डर के मारे अपने घर छोड़कर रात में ही भाग गए थे. गोलीबारी के दौरान दो इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं. दो गोले मेरे घर पर भी गिरे. इसलिए हम यहां से भाग गए. पूरा गांव वीरान हो गया था और कुछ लोग अपने साथ अपने मवेशी भी ले गए थे.”
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